खबरwest-singhbhum-आदिवासी सरना कोड को लेकर आदिवासी संघर्ष समिति ने की बैठक, कहा-...
spot_img

west-singhbhum-आदिवासी सरना कोड को लेकर आदिवासी संघर्ष समिति ने की बैठक, कहा- राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए

राशिफल

जगन्नाथपुर: आदिवासी संघर्ष समिति, जगन्नाथपुर अनुमंडल के तत्वधान में मोंगरा पंचायत स्तरीय बैठक ग्रामीण मुंडा डेविड सिंकु की अध्यक्षता में मोंगरा गांव स्थित स्कूल मैदान में आदिवासियों का धर्म कोड ,एनआरसी, सीएए , मुद्दे पर बैठक हुई. बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा कि कई वर्षों से झारखंड सहित पूरे देश में आदिवासियों का धर्म कोड को लेकर आंदोलन चल रहा है मगर अब तक केंद्र सरकार या राज्य सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है. 1871 से 1951 तक जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों के लिए अलग कोड था लेकिन 1961 के जनगणना में एक राजनीतिक साजिश के तहत जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों का कोड को समाप्त कर दिया गया. अस्सी के दशक में तत्कालीन कांग्रेस सांसद कार्तिक उरांव ने सदन में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड की वकालत की. मगर तत्कालीन केंद्र सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया बाद में उक्त मांग को लेकर शिक्षाविद, समाजशास्त्री ,आदिवासी बुद्धिजीवी, समाजसेवी , व साहित्यकार ,डॉ रामदयाल मुंडा ने आगे बढ़ाया. दु:ख इस बात का है जैन धर्म ,बौद्ध धर्म मानने वाले एक फीसदी भी नहीं है लेकिन उनका धर्म कोड है जबकि इस देश में लगभग 12 करोड़ आदिवासी है जो 7 फीसदी है पर उनका धर्म कोड नहीं है. मौके पर मनोज सिंकु, पेलोगा पुरती, नेहा हेम्र्बम ,सुनीता सिंकु, दिलिप सिंकु, निर्मल सिंकु, गुरूचरण सिंकु, अर्जुन सिंकु, मरतम सिंकु, गारदी सिंकु, माटा गागराई , सुदर्शन सिंकु, कृष्णा सिंकु, सुनील सिंकु, जयसिंह गागराई , सोनाराम सिंकु , हरेकृष्णा सिंकु, गगाराम अंगरिया आदि उपस्थित थे.

[metaslider id=15963 cssclass=””]

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading