जमशेदपुर : शहर में अनोखी प्रदर्शनी आयोजित की गयी. जहां सड़कों से गायब हो चुके मोपेड से लेकर बुलेट तक का अद्भुत नजारा शहरवासियों को देखने को मिला. इस प्रदर्शनी में 1938 से 1983 के बीच के दौर की गाड़ियों को देख शाहवासी रोमांचित हो उठे. वैसे इसका आयोजन जमशेदपुर बुलेट क्लब की ओर से किया गया. जो ऑस्ट्रेलिया की संस्था मुवेम्बर फाउंडेशन की इकाई के रूप में काम करती है.
आपको बता दें कि साल 2012 में स्थापित मुवेम्बर फाउंडेशन आज दुनिया भर के 106 देशों में फैल चुका है. जहां दुनिया भर में इसकी 600 शाखाएं कार्यरत है. इसके माध्यम से संस्था विंटेज गाड़ियों की प्रदर्शनी लगाकर धन संग्रह करती है और इससे हुए आय को कैंसर जैसी घातक बीमारियों से जूझ रहे रोगियों के इलाज में खर्च करती है. इसके अलावा राष्ट्रव्यापी अभियान जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ. रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसे अभियान को भी गांव-गांव तक पहुंचाने का काम करती है. रविवार को जमशेदपुर की सड़कों पर हिटोडी, सुबेगा, एचडी, एनफील्ड और लक्ष्मी जैसी पुरानी गाड़ियों की प्रदर्शनी देख लोगों में खासा उत्साह देखा गया. एक जमाना हुआ करता था जब इन गाड़ियों पर सवारी करने वालों को रसूखदारों की श्रेणी में माना जाता था. वैसे संस्था के प्रयासों से आज भी इन गाड़ियों का वजूद जिंदा है, जो गाड़ियों के स्वर्णिम इतिहास को दर्शाता है. वैसे संस्था द्वारा रविवार को आयोजित प्रदर्शनी से संग्रह हुए पैसों को मेहरबाई टाटा कैंसर अस्पताल के रोगियों के बीच वितरित किया गया. वहीं संस्था के इस कार्य की सराहना शहरवासियों को करते देखा गया.