
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य में 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाला है. इससे पहले यूपी की राजनीति में उथल पुथल जारी है. इसकी क्रम में बहुजन समाज पार्टी से निलंबित 11 विधायक एक जुट हो गए है. सभी लालजी वर्मा के नेतृत्व में एक नया दल भी बनाने की जुगात है. इससे पूर्व 11 निलंबित विधायक में से नौ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सीएम अखिलेख यादव से मिले. बसपा में कुल 18 विधायक है जिनमें नौ निलंबित और दो निष्कासित है. इस आधार पर कहा जा सकता है कि बसपा के 11 विधायक एकजुट होकर किसी सपा में शामिल हो सकते है. यूपी में बसपा टूट के कगार पर है. सभी बागी विधायक बहुत जल्द सपा का दामन थाम सकते है. और सभी सपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे. राज्य सभा चुनाव में बसपा से बगावत करने के बाद निलंबन झेल रहे श्रीवस्ती के विधायक असलम राइनी ने कहा कि बसपा के सभी बागी विधायक एकजुट है. सभी विधायकों का कहना है कि बसपा सुप्रीमो मायावती से किसी को किसी तरह की शिकायत नही है लेकिन पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का व्यवहार उचित नही है. सभी विधायकों को कहना है कि मायावती जी सिर्फ उन्हे के कहने पर चलती है या वह ही काम करती है जो सतीश मिश्रा कहते है. सतीश मिश्रा ने पार्टी को कही का नहीं छोड़ा. उन्ही के कारण आज बसपा में कोई प्रदेश स्तरीय मुसलमान नेता नहीं है. अखिलेश यादव से मुलाकात करने पर विधायक असलम राइनी ने कहा कि हम तो किसी भी नेता से मिल सकते हैं. पहले भी निलंबित नौ विधायक अखिलेश यादव से मिले थे और आज भी मिले हैं. आज मुलाकात हुई इसका कोई सबूत नहीं है. अखिलेश यादव ने आज इन बागी विधायकों की भेंट के दौरान 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई. पहले छह विधायक गए बाद में तीन और पहुंचे थे. भेंट के बाद यह सभी समाजवादी पार्टी कार्यालय के पिछले गेट से बाहर निकले यह भी माना जा रहा है कि अब बसपा से निष्कासित नेताओं को बसपा के बागी जोड़ेंगे. इसके बाद इनको सपा में लाने की जिम्मेदारी दी गई है.