घटना से जुड़ी मुख्य बातें-डिटेल खबरें नीचे पढ़े
- कुछ छात्राओं का इलाज चल रहा है एसपीजी स्कूल परीक्षा केंद्र में
- मामले की जांच के लिए उपायुक्त अरवा राजकमल पहुंचे सदर अस्पताल
- सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा भी करेंगी मामले की जांच
- 47 छात्राओं का चल रहा है सदर अस्पताल में व परीक्षा केंद्र में चल रहा 20 छात्राओं का इलाज
- स्वास्थय विभाग की दो टीम कर रही मॉनेटेरिंग
- डॉक्टर जगन्नाथ हेंब्रम ने कहा-गलत खाना खाने से छात्राएं हुईं फूड प्वाइजनिंग का शिकार
- विद्यालय में खाद्य सामाग्री उपलब्ध कराते है संवेदक मंटू केडिया
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की वार्डेन विमला कुजूर को पता नहीं किस तरह हुई छात्राएं बीमार
- छात्राओं के इलाज के लिए वार्डेन ने दी डॉक्टर को सूचना
संतोष वर्मा
चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत कस्तूरबा गांधी विद्यालय चाईबासा में खराब खाना खाने के कारण करीब 150 छात्राएं डायरिया का शिकार हो गयी हैं. इस घटना को लेकर विद्यालय प्रबंधन के बीच हाय-तोबा मची है. वहीं कस्तूरबा गांधी विद्यालय चाईबासा की 150 से अधिक छात्राएं बीमार हो गई हैं जिनमें 47 छात्राओं को इलाज के लिए सदर अस्पताल चाईबासा में भर्ती कराया गया है. जबकि मैट्रिक की परीक्षा में शामिल 20 छात्राओं का इलाज जिले के एसपीजी मिशन स्कूल में चल रहा है.
एसपीजी मिशन स्कूल में उन छात्राओं का परीक्षा केंद्र है. मामले की जानकारी उपायुक्त अरवा राजकमल को जैसे ही मिली वह छात्राओं का हाल जानने और मामले की जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचे. बीमारों छात्राओं को देखने के बाद उन्होंने चिकित्सकों को कई दिशा-निर्देश भी दिये. दूसरी ओर इस मामले की जानकारी मिलते ही सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा भी सदर अस्पताल चाईबासा पहुंची.
इस संबध में विद्यालय वार्डन विमला कुजूर ने बताया कि छात्राएं कैसे बीमार हुईं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. लेकिन छात्राओं को उल्टी शुरू हुई और कुछ छात्राओं ने नास्ता नहीं किया, तो इसकी सूचना डॉक्टरों को दी गयी. तब पता चला कि छात्राएं फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गई हैं. वहीं चर्चा है कि छात्राएं बासी खाना खाने के कारण डायरिया की चपेट में आ गयी हैं.
उक्त विद्यालय में खाद्य सामाग्री पहुंचाने का काम संवेदक मंटू केडिया द्वारा किया जाता है. वहीं वार्डन का कहना है कुछ छात्राओं को नास्ता में पुआ तो कुछ को चूड़ा दिया गया था. इसके बाद से बीमार चल रही है. वैसे इस मामले में स्थानीय सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी समेत अन्य लोग लग गये है. मैट्रिक की परीक्षा के दौरान हुई इस घटना से बच्चों की परीक्षा पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध होगी कड़ी कार्रवाई, जांच टीम गठित : उपायुक्त
इस मामले को लेकर उपयायुक्त अरवा राजकमल ने कहा की मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है. छात्राओं को दी गयी खाद्य सामाग्री का सैपंल लिया जायेगा. श्री राजकमल ने कहा प्रथम दृष्टया छात्राएं फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुई हैं, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं. सभी का इलाज चल रहा है. लेकिन लापरवाही तो बरती गई है, जिस कारण यह घटना हुई है. लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इस विद्यालय में 427 छात्राएं अध्ययनरत हैं, जिनमें से छात्राओं का इलाज अस्पताल में चल रहा है. तीन टीम डॉक्टरों ती बनायी गयी है, जो छात्राओं के इलाज में जुटी है.