रामगोपाल जेना/चक्रधरपुर : झारखण्ड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा का प्रतिनिधि मंडल रविवार को प्रदेश अध्यक्ष देवंती देवी एवं महामंत्री सुंदरी तिर्की के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से मिला एवं उन्हें आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं की मांगों से संबंधित पत्र सौंपा. (नीचे भी पढ़ें)
सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि केन्द्रांश की राशि के आवंटन के अभाव में झारखण्ड की लगभग अस्सी हजार सेविका-सहायिकाओं का विगत 8-9 महीनों से केंद्रांश के मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा है, जिससे उन्हें घोर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं वर्ष 2018 के बाद केन्द्रांश की राशि में बढ़ोतरी नहीं होने के कारण सेविका/सहायिकाओं में काफी असंतोष है. सेविका-सहायिकाओं की जायज मांगों के प्रति केन्द्र सरकार में सेवेदनशीलता के अभाव की शिकायत करते हुए प्रतिनिधिमंडल की सदस्यों ने बताया कि इसी से झारखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की बैठक में उनकी मांगें शीघ्र नहीं मानी जाने की स्थिति में आंदोलन पर जाना उनकी बाध्यता हो जायेगी.(नीचे भी पढ़ें)
पत्र में आगे कहा गया है कि केन्द्रांश की राशि में बढ़ोतरी करते हुए अविलम्ब बकाया सहित भुगतान के लिए आवंटन उपलब्ध कराया जाय. आंगनबाड़ी सेविका को तृतीय वर्ग का एवं सहायिका को चतुर्थ वर्ग का सरकारी कर्मचारी घोषित करते हुए वेतनमान एवं समस्त सुविधाओं का लाभ देने, सेवा निवृत्ति की उम्र सीमा 65 वर्ष करते हुए अन्तिम वेतन/ मानदेय का 50% पेंशन स्वीकृत करने, उन्हें ग्रेच्युटी व ईपीएफ, महंगाई भत्ता एवं यात्रा भत्ता स्वीकृत करने की मांगें शामिल हैं. महिला पर्यवेक्षिका के रिक्त पदों पर सेविका की उम्र सीमा को खत्म करते हुए वरीयता के आधार पर शत् प्रतिशत प्रोन्नति देने की मांग भी शामिल रहती है.