चाईबासा : कोरोना वायरस महामारी से आज पूरी दुनिया जूझ रही है। विश्व के साथ-साथ भारत में भी इसका फैलाव हो चुका है। इस महामारी का असर भारत के बड़े शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। कोरोना वायरस से कई लोगों की मृत्यु भी हो गई है, जो एक दु:खद है। इस महामारी से बचाव के लिए भारत सरकार के द्वारा लॉक डाउन लागू किया गया है। इसका अनुपालन शहर से गांव सभी स्तर पर किया जा रहा है।
इस विपदा की घड़ी में भी आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर सेविका / सहायिका द्वारा सरकार के आदेशों का अनुपालन किया जा रहा है। यथा बालवाड़ी के सूखा राशन का वितरण, टीएचआर राशन का वितरण, किशोरी बालिकाओं के बीच आईएफए गोली का वितरण। यह सभी कार्य सेविकाओं के द्वारा घर-घर जाकर किए जा रहे हैं, साथ ही परिवार वालों के साथ काउंसलिंग भी की जा रही है ताकि कोविड-19 के प्रकोप से वे विचलित ना हों और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। इसके तहत् विशेष रूप से सोशल डिस्टेंसिंग, बार-बार साबुन से हाथ धोना, यहां-वहां नहीं थूकना, नशा पान नहीं करना इत्यादि बातों की जानकारी दी जा रही है। घर से बाहर मास्क या गमछा लपेटकर जाने को कहा जाता है स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सेविकाएं घर-घर जाकर बीमार व्यक्ति एवं जिले के बाहर से आए लोगों की जानकारी इकट्ठा कर डॉक्टर एवं बीडीओ / सीडीपीओ को सूचना दे रही हैं ताकि उनकी जांच हो और दूसरों तक यह वायरस न फैले।
छोटे बच्चों एवं बुजुर्गों में संक्रमण की संभावना अधिक रहती है, जिसके लिए सेविकाएं गृह भ्रमण कर परिवारों को बच्चों को घर पर रहने की सलाह दे रही हैं। बच्चों, गर्भवती, धात्री माताओं का सूखा राशन घर पहुंचा रही हैं। इसी प्रकार बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने के लिए झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री होमलेस भोजनालय की शुरुआत की है जिसका संचालन सेविका / सहायिका पूरी तत्परता से कर रही हैं। बुजुर्गों, विकलांगों को घर तक पका हुआ भोजन पहुंचा रही हैं। महामारी के इस दौर में भी सेविका / सहायिका के द्वारा यथासंभव प्रयास किया जा रहा है ताकि आईसीडीएस के लाभुकों के साथ-साथ अन्य ग्रामीण भी सुरक्षित रहें।