चाईबासा: राज्य में नई शिक्षा नीति-2020 लागू करने की तैयारी को लेकर झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, रांची में लगातार कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है. इसमें राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी),नई द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में उद्धृत संदर्भों में झारखंड की भौगोलिक व सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की तथ्यों का समावेश करने का कार्य किया जा रहा है. (नीचे भी पढ़े)
इस कार्यशाला में कोल्हान की जनजातीय पृष्ठभूमि की रंगों का समावेश के लिए पश्चिमी सिंहभूम जिले से सामाजिक कौशल विकास पर कार्य करने के लिए हरिनारायण सिन्हा और हो भाषा के लिए कृष्णा देवगम, जोन जानसिंह जोंको और विद्यासागर लागुरी तथा संथाली भाषा के लिए पूर्वी सिंहभूम से रजनीकांत मांडी, सरायकेला-खरसावां से फुदन चंद्र सोरेन शामिल हैं. (नीचे भी पढ़े)
हो भाषा के पुस्तकों में शब्दावली व बाल गीत और लोक कथा का समावेश के लिए अप्रत्यक्ष रूप से डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर दिलदार पूर्ति, दमयंती सिंकू, डॉ.प्रदीप बोदरा और साहित्यकार सोनू हेस्सा का सहयोग लिया जा रहा है. वहीं संथाली भाषा के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता जामताड़ा के सुनील कुमार बास्के सहयोग कर रहे हैं.