चाईबासा: समाहरणालय सभागार में उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में पेयजल योजना एंव स्वच्छता विभाग की बैठक हुई. इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि जिले में 10 वृहत जलापूर्ति योजना को 31 अक्टूबर तक पूर्ण करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार की योजना है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराई जाएस इसके लिए जलापूर्ति योजना को पूरा करने का टास्क भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया. इन योजना में चाईबासा में 6 और चक्रधरपुर में 4 योजना शामिल है. जलापूर्ति योजना के द्वारा क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार 1,000 से 1,500 घरों तक नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति किया जाएगा जिससे संबंधित आवश्यक कार्यवाही अभी जारी है. उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर वन भूमि एवं रेलवे भूमि रहने के कारण योजना के निर्माण में कुछ विलंब हुआ है लेकिन प्रथम चरण में 10 जलापूर्ति योजना तैयार किया जाएगा तथा पूरे जिले में ऐसे 30 अन्य वृहत जलापूर्ति योजनाएं संचालित है. जिनमें नोआमुंडी प्रखंड अंतर्गत जलापूर्ति योजना का पोषित क्षेत्र काफी बड़ा है जिसके निर्माण में अभी 1 या 2 वर्ष का समय लग सकता है परंतु अभी उक्त 10 जलापूर्ति योजना को प्रारंभ करने से लगभग 15,000 लोगों को जो वर्तमान समय में लाल पानी की समस्या से ग्रसित है एवं सुदूरवर्ती क्षेत्र छोटानागरा जैसे इलाकों में भी पेयजल व्यवस्था उपलब्ध करवाने की स्थिति में रहेंगे.
उपायुक्त ने कहा कि सड़क निर्माण, विद्यालय निर्माण से संबंधित योजनाओं का भी योजनावार प्रगति विवरण प्राप्त किया गया है तथा ऐसे सभी योजनाओं में संलग्न अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से एमबी बुक का जांच एवं फोटोग्राफ प्राप्त कर संतुष्ट होते हुए भुगतान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने बताया कि इस जिला अंतर्गत विशेष प्रक्रिया का पालन किया जाता है के तहत कोई भी राशि, कोई भी योजना जो कि यहां से निर्गत किया जाता है उनमें निर्माण एजेंसी को किसी भी प्रकार का अग्र धन नहीं दिया जाता है जिसके पीछे मूल उद्देश्य है कि राशि का विचलन नहीं किया जा सके. उन्होंने बताया कि उक्त पहल के आलोक में अभियंता को निर्देशित किया गया है कि अभी तक संचालित योजनाओं में जितना कार्य एजेंसी के द्वारा किया गया है से संबंधित भुगतान प्रपत्र कार्यालय को उपलब्ध करवाया जाए ताकि किए गए निर्माण के खिलाफ भुगतान किया जा सके.उपायुक्त ने बताया गया कि जिले के ज्यादातर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पेयजल योजना लागू करना और सरकार के निर्देशानुसार जो 1,200 सोलर जल मीनार योजना लागू किया जा रहा है. इससे संबंधित सभी कार्यकारी एजेंसी के कार्यपालक अभियंता को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. बैठक में योजना संबंधित जिले के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे.