चाईबासा/रामगोपाल जेना: चाईबासा के सातो अखाड़ा में बुधवार को जावा जागरण आयोजित किया गया. रात जागरण कर सुबह सूर्योदय होने से पूर्व कुंवारी लड़कियां उपवास में नदी के अंदर से टोकरी में बालू उठाकर मांदर, नगाड़ा की थाप में नाचते गाते हुए पाहन पुजारी के घर लेकर आयी. लड़कियों के द्वारा उस बालू में जावा मिलाकर पांच दिन तक पाहन पुजारी के घर हर रोज सुबह-शाम उसे धुप-धूमन दिखाकर एवं नृत्य-संगीत कर सेवा करेगी . इसके पांच दिन बाद 25 सितंबर को उरांव समुदाय का महान त्योहार भादो एकादशी करम पूजा हर्षोल्लास व पारम्परिक नृत्य-संगीत,श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा. (नीचे भी पढ़ें)
इस अवसर पर समाज में मुखिया लालु कुजूर पाहन, पुजारी फागु खलखो,दुर्गा कुजूर,मंगरू टोप्पो,चमरू लकड़ा,शम्भू टोप्पो,मथुरा कोया,खुदिया कुजूर,सीताराम मुंडा,जगरनाथ लकड़ा,राजेन्द्र कच्छप,राजु तिग्गा,इन्द्रोदय कच्छप,बंधन खलखो,राजु कुजूर,कृष्णा कच्छप,शम्भु तिर्की,कृष्णा मुण्डा,बुधराम कोया राहुल कुजूर,रूपेश कुजूर,निशांत मिंज,कर्मा कुजूर,नितेश लकड़ा,रमेश लकड़ा,संजय कुजूर,दशरथ कुजूर,जगरनाथ टोप्पो,अविनाश कुजूर,रवि कुजूर,विश्वनाथ लकड़ा,बिरसा लकड़ा,रवि तिर्की,बंधन मिंज,सुनील खलखो,प्रीति तिर्की,शिल्पा तिग्गा,मोनी कच्छप,पुतुल कुजूर,पुनम लकड़ा,बिंदिया कच्छप,संध्या टोप्पो,सुमन तिर्की,पार्वती कुजूर,भारती कुजूर,किरण कोया,सरस्वती लकड़ा,सोनी कुजूर,सुमन कुजूर,नंदनी टोप्पो,मयूरी लकड़ा,दुर्गा टोप्पो आदि काफी संख्या में युवक-युक्तियां शामिल थी.