रामगोपाल जेना/चक्रधरपुर : कोल्हान नितिर तुरतुंग (केएनटी) के पदाधिकारियों ने स्थानीय जेएलएन कॉलेज के प्राचार्य डॉ श्रीनिवास कुमार से मुलाकात की. इस दौरान टीम ने उनसे कॉलेज की आधारभूत संरचना, प्राध्यापकों एवं कैंटीन की उपलब्धता एवं एनसीसी के संबंध में जानकारी ली. इस दौरान खुलासा हुआ कि जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय, चक्रधरपुर में वर्ष 1967 से ही एनसीसी की इकाई का संचालन हो रहा था. किन्तु कॉलेज के पूर्ववर्ती प्रबंधन की लापरवाही के कारण वर्ष 2019 में कॉलेज की एनसीसी इकाई का कोटा खत्म हो गया. इसमें यह भी ज्ञात हुआ कि बंद एनसीसी को पुनः चालू कराने के लिए नये सिरे से उच्च स्तरीय पहल की जरूरत होगी. (नीचे भी पढ़ें)
एनसीसी भारत का सैन्य कैडेट कोर है जो स्कूलों एवं कॉलेजों के छात्रों को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करता है. एनसीसी के मध्यम से प्रशिक्षित युवाओं में व्यक्तित्व विकास एवं लीडरशिप जैसे गुण विकसित होते हैं, यही नहीं, इसमें प्रशिक्षित युवाओं को सरकारी नौकरियों में अच्छी-खासी छूट भी मिलती है. भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के अलावा कई अन्य सेवाओं में इन्हें आसानी से नौकरी मिल जाती है.(नीचे भी पढ़ें)
इस कॉलेज में प्राध्यापकों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं के नामांकन के लिए सीटों में भी कटौती कर दी गयी है. यह भी जानकारी मिली कि चक्रधरपुर में महिला कालेज की स्थापना का भी प्रस्ताव है, किन्तु कॉलेज बनाने के लिए सुरक्षित जगह की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं होने के कारण वह अधर में लटका हुआ है. आदिवासी बहुल क्षेत्र में उच्च शिक्षा का स्तर सबसे निम्न होने से इसका सीधा असर क्षेत्र के युवाओं के भविष्य पर पड़ रहा है. इन सभी अवगत विषयों पर सकारात्मक सुधार हेतु केएनटी टीम यथासंभव प्रयास करेगी.जेएलएन के प्रिंसिपल डॉ श्रीनिवास कुमार के साथ औपचारिक बातचीत में केएनटी महासचिव प्रेम सिंह डांगिल, उपाध्यक्ष सह शारीरिक प्रशिक्षक दया सागर केराई, प्रवक्ता पंकज बांकिरा एवं सक्रिय सदस्य रवींद्र गिलुआ मुख्य रूप से शामिल थे.