चाईबासा : पूर्व विधायक मंगलसिंह बोबोंगा ने कहा कि उषा मार्टिन कंपनी बोकना गांव के रैयतों को 15 साल के बाद भी 25 डिसमिल भूखंड दिलाने में असमर्थ रहा। ऐसी स्थिति में गरीब आदिवासियों के जमीन पर लौह अयस्क भंडारण करना सरासर अनुचित है। मंगल सिंह बोबोंगा बुधवार को बोकना गांव में जमीन विवाद को लेकर आयोजित ग्राम सभा में उपस्थित रैयतों को बता रहे थे। मुंडा विक्रम चाम्पिया की अध्यक्षता में आयोजित ग्राम सभा में झामुमो केंद्रीय सदस्य इजहार राही और झामुमो वरिष्ट नेता पवन सिंह को भी बुला लिया गया था। बताया कि 31 मार्च 2004-5 में बोकना गांव के 12 रैयतों के 9.55 डिसमिल जमीन पर लौह अयस्क भंडारण के लिए कोर्ट में एग्रीमेन्ट कराया गया है। एग्रीमेन्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि कंपनी को जमीन देने के बाद रैयत के पास केवल 81 डिसमिल जमीन बचा है। इसके लिए कंपनी को रैयतों के लिए 25 डिसमिल भूखंड खरीदकर उपलब्ध कराना है। 15 साल गुजर गए परंतु आज तक उन्हें कोई भूखंड उपलब्ध नहीं कराया गया हैं। इजहार राही ने बताया कि रांची के नंदकिशोर पाटोदिया अपने नाम पर जमीन रजिस्ट्रेशन कर उषा मार्टिन कंपनी को लौह अयस्क भंडारण के लिए दी है।फिलहाल उषा मार्टिन कंपनी ने टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट के नाम पर खदान हस्तांतरण के बाद लौह अयस्क भंडारण प्लॉट भी दे दी है। पवन सिंह ने बताया कि लौह अयस्क भंडारण स्थल समीप स्थित अन्य सात लोगों का 35 डिसमिल जमीन पर भी घेराबंदी कर कब्जा कर लिया गया है। मौके पर मुंडा विक्रम चाम्पिया,जोनेया पुरती,वामिया पुरती आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
west-singhbhum-विवादित जमीन को लेकर ग्रामीणो ने की ग्रामसभा, जमीन अधिग्रहण का विरोध
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