चाईबासा: झामुमो पश्चिमी सिंहभूम जिला कमेटी को अचानक भंग करने की घोषणा के साथ ही पार्टी में विरोध के स्वर उठने लगें है. सोमवार को चक्रधरपुर में पश्चिमी सिंहभूम जिला के महासचिव सह चाईबासा विधायक दीकप बिरूवा द्वारा जिला कमेटी को भंग करने की घोषणा कर दी. जबकि बैठक में विधायक दीपक बिरूवा के अलावा मंत्री जोबा मांझी, चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, मझगांव विधायक निरल पूर्ति और विधायक दशरथ गगराई मौजूद थे. हलांकि पार्टी नियमानुसार जिला कमिटी को भंग करने का अधिकार केवल पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष या केंद्रीय समिति ही कर सकती है. इन्ही मामलों को लेकर पार्टी महासचिव सह विधायक दीपक बिरुवा अथवा झामुमो सिंहभूम जिला समिति को भंग करने अथवा इसके सम्बन्ध में कोई निर्णय लेने के लिए अधिकृत नहीं हैं. उनके द्वारा जिला समिति को भंग करने का घोषणा पूरी तरह से असंवैधानिक है. जिला समिति के सम्बंध में इस तरह का कोई भी निर्णय सिर्फ और सिर्फ केन्द्रीय अध्यक्ष या केन्द्रीय समिति ही ले सकता है. हर संगठन का अपना संविधान होता है जिसके अनुसार संगठन चलता है.
झामुमो के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी भी सांगठनिक ईकाई को भंग करने का निर्णय विधायकों की बैठक में लिया जा सकता हो. यह पार्टी संविधान के विपरीत है. विधायकों की यह घोषणा एक सुनियोजित साजिश के तहत पार्टी संविधान के विरुद्ध जिला में एक समानांतर संगठन की बुनियाद डालने का संकेत दे रहा है जो कि सीधे तौर पर पार्टी एवं संविधान विरोधी और पार्टी को विखंडित करने का कार्य है. हालांकि विधायकों के इस निर्णय से झामुमो जिला समिति के अस्तित्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हमेशा की तरह झामुमो केन्द्रीय समिति के निर्देशानुसार जिला समिति अपना सांगठनिक दायित्व निभाता रहेगा. केन्द्रीय समिति ने आगामी 6 सितम्बर को जिला समिति को केन्द्रीय समिति द्वारा आयोजित आॅनलाइन बैठक में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. इस बैठक में जिला समिति इन सारे मामलों को प्रमुखता से रखने का काम करेगा और केन्द्रीय समिति से प्राप्त होने वाले मार्गदर्शन के आधार पर जिला में संगठनात्मक कार्य करता रहेगा.