Chaibasa : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर रोरो माइंस के प्रभावित तिलाइसूद गांव के ग्रामीणों के चेहरे पर 35 साल बाद खुशियां लौटी हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने चाईबासा की बंद रोरो माइंस के कर्मियों या उनके आश्रितों को पीएफ और अन्य सुविधा देने का झारखंड सरकार को आदेश दिया है. साथ ही रोरो माइंस प्रबंधन पर प्रदूषण फैलाने के आरोप में जुर्माना लगाने का आदेश भी दिया है. एनजीटी कोर्ट के इस आदेश से बंद रोरो माइंस के 347 कर्मियों अथवा उनके आश्रित को 35 साल के बाद न्याय मिल पाएगा.
इसको लेकर रोरो माइंस के पूर्व कर्मियों ने खुशी जाहिर की है. गौरतलब है कि एनजीटी कोर्ट ने एक सुनवाई के बाद राज्य के मुख्य सचिव को यह आदेश दिया है कि बंद रोरो माइंस के पूर्व कर्मियों को उनका बकाया पीएफ भुगतान कराया जाये, जो बीमार हैं उनका इलाज कराया जाये और इस क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने के लिए दोषी माइंस कंपनी हैदराबाद एडबेस्टर लिमिटेड पर जुर्माना लगाया जाये. एनजीटी कोर्ट के इस आदेश पर बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा रोरो माइंस के प्रभावित गांव तिलाइसूद में कैम्प लगा, जिसमें 347 कर्मियों के पीएफ देने और 60 कर्मियों को इलाज के लिए चिन्हित किया गया.