जमशेदपुर : जमशेदपुर का एमटीएमएच अस्पताल झारखंड को कैंसर से लड़ने में आत्मनिर्भर बना रहा है. यह झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत के लोगों का इलाज करता है. कैंसर से पीड़ित मरीजों की सेवा के लिए 1975 में जमशेदपुर का कैंसर अस्पताल ‘एमटीएमएच’ की स्थापना की गयी थी. इसका नाम सर दोराबजी जमशेदजी टाटा की पत्नी लेडी मेहरबाई टाटा के नाम पर रखा गया है. इसे टाटा मेन अस्पताल के पास भेंट की गई भूमि के एक भूखंड पर टाटा स्टील द्वारा निर्मित किया गया है. 4 फरवरी, 1975 को टाटा संस के तत्कालीन चेयरमैन जेआरडी टाटा ने इसका उद्घाटन किया था. 10 लाख रुपये की धनराशि से अस्पताल का निर्माण किया गया था, जिसमें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट से 3 लाख रुपये की दान राशि समेत कई संस्थानों और व्यक्तियों से प्राप्त अंशदान शामिल थे. सर दोराबजी टाटा ने अस्पताल के प्रवेश द्वार पर स्थापित खूबसूरत 120 साल पुरानी टेराकोटा अर्धमूर्ति का उद्घाटन किया था. यह अर्धमूर्ति तब की है, जब उनकी पत्नी 21 साल की थी.
जमशेद भाभा, तत्कालीन डायरेक्टर, टाटा संस ने एमटीएमएच को यह अर्धमूर्ति भेंट की थी. झारखंड की जनता की सेवा करने के अलावा, यह अस्पताल सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे कि सेल, सीसीएल, एनएमएल और रेलवे आदि को भी अपनी सेवाएं देता है. इन वर्षों में, कैंसर मरीजों की बढ़ती संख्या और कैंसर चिकित्सा सेवा में प्रगति ने अस्पताल के विस्तार और उन्नयन की आवश्यकता को बढ़ाया है. इसके मद्देनजर, 2017 में टाटा ट्रस्ट्स ने एमटीएमएच को 72 बेड वाले कैंसर अस्पताल से व्यापक 128 बेड वाले एक कैंसर केयर फैसिलिटी में अपग्रेड करने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी. इस परियोजना का शिलान्यास समारोह 2 मार्च 2018 को रतन टाटा द्वारा किया गया था. इस एक साल की अवधि में, टीएमएच परिसर में एक नया एक्सटेंशन बिल्डिंग बनाया गया, जो एमटीएमएच के साथ एक स्काईब्रिज से जुड़ा है. ओपीडी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी और रेडियोथेरेपी वार्ड, डे केयर कीमोथेरेपी वार्ड और प्रितपाल पैलिएटिव केयर सेंटर (सूरी फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित) समेत दोनों बिल्डिंग में एक साथ व्यापक कैंसर चिकित्सा सेवा सुविधाएं उपलब्ध हैं. पुराने वार्डों का नवीनीकरण करने के साथ अस्पताल में नए और उन्नत फर्नीचर लगाए गए हैं. वार्डों को नवीनतम टेक्नोलॉजी से लैस करने के लिए अत्याधुनिक अस्पताल उपकरण खरीदे गए हैं. बिस्तरों की संख्या 72 से बढ़कर 128 हो गई है. इसमें 40-बेड वाला डे केयर वार्ड भी है, जो कम अवधि के लिए अस्पताल में रहने वाले मरीजों की चिर-प्रतिक्षित आवश्यकता को पूरा करता है. इसके अलावा अत्याधुनिक ट्रू बीम रेडियोथेरेपी मशीन ने सबसे उन्नत और सटीक रेडिएशन थेरेपी के साथ मरीजां के इलाज करने में सेंटर की क्षमता में काफी वृद्धि की है. पीईटी-सीटी मशीन लगाई गई है. यह झारखंड में एकमात्र है और एक महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक आर्म है, जो शुरुआती कैंसर एवं इसकी पुनरावृत्ति का पता लगाने में काफी कारगर है. ब्रैकीथेरेपी उपकरण को भी बदल दिया गया है, जिसका उपयोगग इंट्रा-कैविटेरी रेडिएशन देन के लिए किया जाता है. एमटीएमएच, टीएमएच के साथ मिलकर राज्य में मरीजों को व्यापक कैंसर चिकित्सा सेवा प्रदान करता है.