World radio day- वर्ल्ड रेडियो डे पर खास, इस खास दिन पढ़िए कहां लगी रेडियो की प्रदर्शनी और जानिए कौन है विश्व का सर्वश्रेष्ठ श्रोता

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जमशेदपुर : सोमवार यानी 13 फरवरी को वर्ल्ड रेडियो डे है. 2011 में यूनेस्को ने रेडियो के सम्मान में 13 फरवरी को वर्ल्ड रेडियो मनाने की घोषणा की थी. तब से लेकर आज का दिन रेडियों के दीवानों के लिए खास हो गया. इस साल का थीम “रेडियो और शांति” रहा है. इस खास दिन पर हर साल की तरह इंटरनैशनल रेडियो लिसनर्स क्लब के अध्यक्ष चिन्मय महतो ने कदमा उलियान में रेडियो प्रदर्शनी का आयोजन किया. इस प्रदर्शनी में पचास के दशक से लेकर 2020 तक के रेडियो के विभिन्न मॉडलों, कैमरा, रिकॉर्ड प्लेयर, कैसेट्स और रेडियो प्रसारण केंद्रों से प्राप्त सामग्रियों को रखा गया, जिसको देखकर लोग खूब रोमांचित हुए. (नीचे भी पढ़ें)

आज के बदलते ज़माने में जब मोबाइल में ही टीवी है, मोबाइल में ही म्यूजिक है और मोबाइल में ही बैंक और पूरी दुनिया समां गई है, अगर ओरिजनल रेडियो देखने को मिले और वह भी दशकों पुराने तो यह कितना आनंददायक होता है इसकी बानगी इस रेडियो प्रदर्शनी में लोगों की खुशी में नजर आई. (नीचे भी पढ़ें)

आखिर कौन है चिन्मय महतो – जमशेदपुर के कदमा निवासी चिन्मय महतो ओरिजनल रेडियो के दीवाने हैं. वे अंतर्राष्ट्रीय रेडियो लिसनर्स क्लब के अध्यक्ष हैं. वे आज भी मोबाईल नहीं ओरिजनल रेडियो में रोजाना 25 देशों का रेडियो प्रसारण सुनते हैं. उनके पास दुनिया भर के रेडियों का संग्रह है जिसे उन्होंने मिनी म्यूजियम का शक्ल दिया है. चिन्मय महतो ने रेडियो श्रोता क्लब बनाया है जिसके सदस्य भारत से लेकर विभिन्न देशों तक फैले हुए हैं. चिन्मय महतो को विश्व के सर्वश्रेष्ठ श्रोता का खिताब मिल चुका है. बकौल चिन्मय “आज भले ही मोबाइल में ही सब कुछ है लेकिन ओरिजनल रेडियो सुनने से सुकून मिलता है”. चिन्मय ने 1974में गाइड इंटरनैशनल रेडियो लिसनर क्लब की स्थापना की थी. हर साल वर्ल्ड रेडियो के दिन यानि 13 फरवरी को उनकी तरफ से जमशेदपुर में रेडियो की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है. (नीचे भी पढ़ें)

रेडियो श्रोता के तौर पर चिन्मय को कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. 2015 में रेडियो जापान की ओर से उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ श्रोता का खिताब दिया गया. चीन और जापान की एंबेसी की ओर से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. उसके अलावा कई देशों के रेडियो से उन्हें सम्मान दिया गया है. विभिन्न देशों के रेडियो स्टेशनों से वे पत्राचार के माध्यम से अपनी फरमाईशें अक्सर भेजते रहते हैं. विभिन्न देशों के रेडियो पर उनके इंटरव्यू का भी प्रसारण कई बार हो चुका है. 20 अगस्त 1921 को भारत में पहला रेडियो प्रसारण हुआ था. उसी की याद में 2006 से हर साल 20अगस्त को श्रोता दिवस मनाया जाता है.वहीं यूनेस्को के आह्वान पर 13फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है. श्रोताओं के विभिन्न संगठन आपसी तालमेल से साल में इन दोनों खास दिन पर ये आयोजन करते हैं.

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