- विधानसभा क्षेत्र में झामुमो के उम्मीदवार हैं समीर महंती
- खनन विभाग द्वारा दर्ज मामले में वारंट होने से अंडर ग्राउंड हो गए समीर महंती
- समीर महंती के अंडर ग्राउंड होने पर पत्नी नयना महंती ने संभाली चुनाव की कमान
Bahragoda : बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में झामुमो के प्रत्याशी समीर महंती के समक्ष झामुमो के जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है. वह भी ऐसे हालात में जब खनन विभाग के एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के कारण समीर महंती अंडर ग्राउंड हो गए हैं। चुनाव की कमान उनकी पत्नी नयना महंती ने संभाली है. विधानसभा चुनाव 2009 और 2014 में झामुमो इस सीट पर विजय हासिल कर चुका है. अब जीत की हैट्रिक लगाने का दारोमदार समीर महंती पर है.
इस विधानसभा क्षेत्र में झामुमो ने 1985 से उम्मीदवार उतारना शुरू किया था. तब से 2005 तक झामुमो को हर चुनाव में विफलता मिली. परंतु 2009 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के विद्युत वरण महतो ने भाजपा के डॉ दिनेश षाड़ंगी को लगभग 17000 मतों से पराजित कर जीत हासिल की. लोकसभा चुनाव 2014 के पूर्व विद्युत वरण महतो भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद कुणाल षाड़ंगी ने झामुमो का दामन थामा. विधानसभा चुनाव 2014 में कुणाल ने भाजपा के डॉ दिनेशानंद गोस्वामी को 15000 मतों से पराजित किया। अब कुणाल षाड़ंगी ने झामुमो छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया. ऐसे में समीर महंती ने भाजपा छोड़ दिया और झामुमो में शामिल हो गए. झामुमो ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया है. इस विकट परिस्थिति में समीर महंती के लिए झामुमो की जीत की हैट्रिक लगाने की कठिन चुनौती है.