झारखंड विधानसभा चुनाव-2019पूर्वी सिंहभूम के दुर्गम गांव में सड़क के लिए जद्दोजहद कर रहे...
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पूर्वी सिंहभूम के दुर्गम गांव में सड़क के लिए जद्दोजहद कर रहे ग्रामीण, चार सप्ताह से खुद बना रहे रास्ता, ग्रामीणों का साथ देने पहुंचे पूर्व सांसद

राशिफल

पूर्व सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू श्रमदान करते हुए.

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के मुसाबनी प्रखंड का दुर्गम और पहाडी गांव धनियाबेड़ा गांव के ग्रामीणों ने सड़क के लिये जद्दोजहद कर रहे है. पहाड़ पर गांव होने के कारण गांव तक पहुंचने के लिए किसी तरह का कोई रास्ता नही है. धनियाबेड़ा गांव में कुल 27 परिवार रहता है. सभी परिवारों ने गांव तक पहुंचने के लिये श्रमदान से दो किलोमीटर पहाड़ी सड़क बनाने का फैसला लिया और बीते चार सप्ताह से सड़क श्रमदान कर बना रहे है. ग्रामीणों ने गांव में बैठकर कर निर्णय लिया कि प्रत्येक सप्ताह के गुरूवार को पूरे गांव के लोग श्रमदान करेंगे. श्रमदान से तकरीबन एक किलोमीटर तक सड़क बना ली गयी है. जब इसकी खबर घाटशिला के पूर्व विधायक और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ प्रदीप कुमार बलमुचू को लगी तो वे भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ श्रमदान के लिये पहुंचे और सड़क के लिये पसीना बहाया.

ग्रामीणों के साथ फावड़ा चलाते पूर्व सांसद.

मुसाबनी के पारूलिया पंचायत के धनियाबेडा गांव में पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू ने ग्रामीणों के साथ मिलकर श्रमदान से पहाड़ी सड़क बनायी. सड़क निर्माण के लिए कुदाल चलाया. डॉ बलमुचू ने बड़ेृबड़े पत्थर को उठाकर सड़क से बाहर फेका. करीब एक घंटा तक बालमुचू ने ग्रामीणों के साथ मिलकर सड़क बनाने का काम किया. इस दौरान कभी वे थक भी जाते थे, लेकिन कुछ देर आराम के बाद फिर कुदाल लेकर सड़क बनाने में लग जाते थे. बालमुचू के चेहरे पर पसीना साफ दिख रहा था. पसीना पोंछ पोंछ कर डॉ बलमुचू ने सड़क में श्रमदान किया और ग्रामीणों का हौसला बढ़ाने का काम किया है. इस दौरान डॉ बालमुचू ने कहा कि सरकार की हर सिस्टम फैल है. धनियाबेड़ा गांव के लोगो के लिए डॉ बलमुचू ने भरोसा दिलाया कि वे उनके साथ है, जब तक सड़क में श्रमदान होगा. उन्होंने अपनी तरह से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है.

हर सप्ताह के गुरुवार को होती है इस तरह की सेवा.

गांव में पीने के पानी के लिये खराब चापाकल को मरम्मत किया और कहा कि आने वाले चुनाव में भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की. गांव के ग्रामीणों ने बताया कि धनियाबेडा गांव पहुंचने तक सड़क नही रहने के कारण सबसे अधिक परेशानी बीमार लोगो को हो रही है. गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाये तो उसे शहर अस्पताल ले जाना मुश्किल होता है. गांव में गर्भवती महिला के लिए भी प्रसव के लिए किसी तरह का कोई वाहन गांव तक नही पहुंच पाता है, जिससे गांव में ही प्रसव होता है. सड़क की परेशानी को देखते हुए गांव के लोगो ने श्रमदान से सड़क बनाने का फैसला लिया है.

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