झारखंड विधानसभा चुनाव-2019मुख्यमंत्री का कोल्हान में जनआर्शीवाद यात्रा शुरू, पोटका में की सभा, कहा-झामुमो...
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मुख्यमंत्री का कोल्हान में जनआर्शीवाद यात्रा शुरू, पोटका में की सभा, कहा-झामुमो ने झारखंड को लूटा है, करोड़ों की जमीन आदिवासियों से औने-पौने दाम पर खरीदकर बन गये अरबपति, जनता चुनाव में सिखाये सबक, संथाली शिक्षकों की राज्य में होगी बहाली

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पोटका में जनआर्शीवाद यात्रा को संबोधित करते मुख्यमंत्री रघुवर दास.

जमशेदपुर : झारखंड मुक्ति मोरचा (झामुमो) ने झारखंड को सिर्फ लूटा है. करोड़ों की जमीन आदिवासियों से औने-पौने कीमत पर खरीदकर खुद अरबपति बन गये है. जनता चुनाव में झामुमो जैसी राजनीतिक पार्टियों को सबक सिखायें. यह बातें राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं. श्री दास कोल्हान में फिर से जनआर्शीवाद यात्रा शुरू करते हुए कहीं. पोटका विधानसभा क्षेत्र के हाता दुर्गा पूजा मैदान में आयोजित इस जनआर्शीवाद यात्रा की सभा में मुख्यमंत्री ने झामुमो पर ही निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने सरकार की उपलब्धियां भी बतायी. इस मौके पर जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, राज्यसभा सांसद समीर उरांव, पोटका की विधायक मेनका सरदार, अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह राजा, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश कुमार शुक्ला समेत अन्य लोग मौजूद थे. इस दौरान लोगों ने मुख्यमंत्री का अभिवादन किया.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि डबल इंजन की सरकार का असर है कि राज्य में विकास दिख रहा है. झारखंड के किसानों को साल में न्यूनतम 11 हजार रुपये और अधिकतम 21 हजार रुपये का लाभ मिल रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा संथाली शिक्षकों की बहाली की जायेगी. इसकी प्रक्रिया अपनायी जा रही है. उन्होंने झामुमो पर निशाना साधते हुए कहा कि झामुमो ने जब अपनी सरकार बनायी थी तो सरकार बनते साथ बालू बेचना शुरू कर दिया था जबकि भाजपा की सरकार बनी तो अवैध बालू का उत्खनन करना रोक दिया. उन्होंने कहा कि झामुमो और कांग्रेस ने मिलकर निर्दलीय को मुख्यमंत्री बनाकर राज्य का अब तक का सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की भाजपा सरकार का मुख्य फोकस गांव-देहात के क्षेत्र पर ज्यादा है. महिलाओं को राज्य सरकार प्राथमिकता दे रही है, जिनको स्वरोजगार से सीधे जोड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए राज्य सरकार ने साढ़े चार साल में दो लाख 17 हजार सखी मंडलों की स्थापना कर स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराये है. हाता की सभा के बाद वे चाईबासा के लिए रवाना हो गये.

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