गुमला : झारखंड के विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपना अभियान कुछ दिनों के ब्रेक के बाद फिर से शुरू कर दिया है. जनआर्शीवाद यात्रा की शुरुआत मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुरू कर दी है. सिसई विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने जनआर्शीवाद यात्रा में नक्सलियों और विपक्ष को आड़े हाथों लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के 60 साल के शासनकाल का आकलन 5 वर्ष के भाजपा के शासनकाल से करें. वर्तमान सरकार ने घर-घर बिजली, घर-घर एलपीजी गैस, स्वास्थ्य की सुविधा, सड़क, मुफ्त आवास समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया है. सिमडेगा में गरीबी है विकास से यह अछूता है. यही वजह रही कि वर्तमान सरकार ने अतिरिक्त बजट का प्रावधान करते हुए सिमडेगा के विकास हेतु 50 करोड़ रुपये दिया. अब भी कुछ काम अधूरे रह गए हैं, जिन्हें सर्वांगीण विकास के लिए करना है, इसलिए जनता फिर से भाजपा को आशीर्वाद दें और झारखंड के विकास को गतिमान रखें. यही कार्य अगर 60 साल सत्ता में रहने वाली कांग्रेस और झारखण्ड नामधारी पार्टियां करती तो सिमडेगा समेत पूरे राज्य की स्थिति कुछ औऱ होती. इन पार्टियों ने सिर्फ और सिर्फ आदिवासियों के नाम पर गरीबों के नाम पर राजनीति कर अपना स्वार्थ साधा. राज्य की जनता ने एक मजदूर को राज्य का मुखिया बनाया. तब से लेकर अब तक यह मजदूर राज्य की जनता के कल्याण में जुटा है. बस उन बातों को कार्यों का लेखा-जोखा जनता के समक्ष रखने के लिए गये है क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि हैं. रघुवर दास ने कहा कि सिमडेगा में राष्ट्रविरोधी शक्तियां सक्रिय हैं. ये शक्तियां नहीं चाहती कि आदिवासियों का विकास हो. इनका काम जनता को गुमराह करना है. ये कहते हैं भाजपा की सरकार जनता की जमीन छीन लेगी, लेकिन 5 वर्ष के कार्यकाल में वर्तमान सरकार ने किसी की जमीन नहीं छीनी. भाजपा विकास की पक्षधर हैं और रहेंगे. नक्सलियों को ललकारते हुए मुख्यमंत्री ने ”सिमडेगा समेत राज्य के अन्य हिस्सों में अंतिम सांस ले रहे उग्रवादियों आत्मसमर्पण कर दें. सरकार आपको समय दे रही है. मुख्यधारा से जुड़ जाओ, नहीं तो पाताल से भी ढूंढ कर मारेंगे. हमें भयमुक्त झारखण्ड बनाना है, इस कार्य में जो बाधक होगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा. उग्रवादी राज्य के विकास कार्य के बाधक हैं. वर्तमान सरकार ने 5 वर्ष के कार्यकाल में उग्रवादियों की कमर तोड़ने का कार्य किया है, इस बात का अनुमान आपको भी होगा.” मुख्यमंत्री ने वहां झामुमो के नेता हेमंत सोरेन पर हमला बोला. मुख्यमंत्री ने हेमंत सोरेन का बिना नाम लिये हुए कहा कि सोने की चम्मच से दूध पीने वाले नेता प्रतिपक्ष क्या जाने गरीबी क्या होती है. आदिवासियों की पीड़ा क्या है. वंशवाद की राजनीति करने वाली कांग्रेस और झामुमो को गरीबी दूर करने से कोई सरोकार कभी नहीं रहा. ग्राम पंचायत से सांसद तक दशकों राज करने वाली कांग्रेस पार्टी, झारखण्ड की पहचान भ्रष्टाचार के रूप में बनाने वाली कांग्रेस और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा से आप पूछें सिमडेगा, कोलेबिरा में गरीबी क्यों है, यहां का विकास क्यों नहीं हुआ. लेकिन आप सभी ने 2014 में एक गरीब को देश का प्रधानमंत्री बनाया, जो वंशवाद की राजनीति से निकल कर नहीं आया है. उसने गरीबी को जिया है, अनुभव किया है. यही वजह है कि सरकार की सभी योजनाएं गांव, गरीब, किसान को केंद्रित कर बनाया गया है.