जमशेदपुर : झारखंड में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. भाजपा सत्ता से दूर हो चुकी है और अब रघुवर दास न तो मुख्यमंत्री है और न ही विधायक ही रहे है. रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़कर जमशेदपुर पूर्वी से सरयू राय जीत चुके है. सरयू राय एक ऐसे शख्स है, जो कभी भी भ्रष्टाचार के साथ समझौता नहीं किये है. भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के दौरान ही उन्होंने बिहार में उस वक्त के सबसे बड़े चारा घोटाला का परदाफाश किया था और इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव आज भी जेल में बंद है जबकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को भी जेल की हवा खानी पड़ी थी.
इसके बाद झारखंड राज्य का गठन हुआ तो मधु कोड़ा के समय के घोटाला को उजागर करने में सरयू राय ने सफलता पायी और मधु कोड़ा को जेल जाना पड़ा. झारखंड में भाजपा की ही सरकार में रहते हुए सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को कई सारे घोटाले होने को रोकने की सलाह दे रहे थे. इस कारण रघुवर दास के साथ कभी भी सरयू राय की नहीं बनी और अंतत: सरयू राय का रघुवर दास ने टिकट कटवा दिया, जिसके बाद सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्वी से मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी और अब वे चुनाव जीत चुके है. सरयू राय ने चुनाव लड़ने के दौरान रघुवर दास और उनके कार्यकाल के दौरान हुए घोटाले की कई परतें खोली थी. इसमें सबसे बड़ा मैनहर्ट का घोटाला है जबकि झारखंड विधानसभा भवन निर्माण और भवन में आग लगने के मामले की आवाज उठायी और बताया कि काफी बड़ा घोटाला हुआ है. करीब 950 करोड़ का घोटाला से लेकर माइंस लीज देने के मामले की भी घोटाले की बात कहीं थी. सरयू राय ने बिजली घोटाला 850 करोड़ का भी फाइल को खोजा था, जिसको लेकर चेतावनी रघुवर दास को दिया था, लेकिन फिर भी ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टेंडर दे दिया गया. सरयू राय ने कहा था कि वे मंत्री रहते हुए रघुवर दास को कई बार सुधार करने को कहा था, लेकिन वे नहीं सुधार किये, जिसका खामियाजा भुगतेंगे. सरयू राय ने कहा था कि वे नहीं चाहते कि कोई चौथा मुख्यमंत्री उनके हाथों से जेल जाये, लेकिन अगर गलती करते जायेंगे तो यह हो ही जायेगा. अब सबको इंतजार है कि कब तक रघुवर दास के खिलाफ घोटाले की फाइल खोली जायेगी.