jamshedpur-panchayat-election-जमशेदपुर जिला परिषद निर्वाचन संख्या 8 की कविता परमार ने रामनगर में चलाया जनसंपर्क अभियान

राशिफल

जमशेदपुर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तिथि ज्यों-ज्यों नजदीक आती जा रही है प्रत्याशियों के प्रचार का पारा चढ़ता जा रहा है. प्रत्याशी पूरी ताकत के साथ प्रचार-प्रसार में जुटे हैं. जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र संख्या 8 का चुनाव तो पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल इस क्षेत्र से वैसे तो कई प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं, लेकिन जिस पर सबकी नजर है. वह है सबसे सशक्त सुशिक्षित और प्रबल दावेदार कविता परमार. कविता परमार रिसर्च स्कॉलर होने के साथ-साथ जमशेदपुर विमेंस कॉलेज में लेक्चरर हैं. इस बार लोगों के समक्ष यह भी प्रमाणित करने का अवसर है कि वे योग्य और शिक्षित प्रत्याशी का चुनाव करते हैं अथवा नहीं. वैसे तो डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान के दौरान कविता परमार को जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है. लोग उन्हें हाथों हाथ ले रहे हैं. योग्य और शिक्षित प्रत्याशी को पाकर क्षेत्र की जनता काफी खुश है. लोग कविता परमार को जमकर उत्साहित करते हैं और समर्थन का वायदा करते हैं. जनता के समर्थन और सहयोग से कविता परमार भी उत्साहित हैं और उन्हें लगता है कि एक पढ़े लिखे समाज में उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति का महत्व जरूर है. (नीचे भी पढ़ें)

कविता परमार कहती हैं कि क्षेत्र में शिक्षा का स्तर 90 फीसदी से भी अधिक है. लोग समझदार हैं. वे लोगों से वोट की अपील करती हैं तो लोग उनसे बढ़ चढ़कर अधिक समर्थन का भरोसा दिलाते हैं. कविता परमार ने लोगों के समर्थन को देखते हुए दावा किया कि वह निश्चित रूप से जनता का समर्थन प्राप्त करने में सफल होंगी और जीत दर्ज करेंगी. वैसे कविता परमार के व्यवहार कुशल और वाकपटु होने की वजह से लोग उनसे प्रभावित हैं और समर्थन का वायदा करते हैं. शनिवार को कविता परमार ने डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान बागबेड़ा के रामनगर क्षेत्र में चलाया. बड़ी संख्या में लोग उनके साथ हो लिए जो सभी बस्ती के ही थे. कविता परमार घर-घर गई लोगों से मिली और समर्थन देने की अपील की. लोगों ने उनसे कई तरह की समस्या बतायी. लोगों का कहना था कि क्षेत्र में कई ऐसे बुजुर्ग और विधवा महिलाएं हैं जिनको आज तक पेंशन नहीं मिल पाया है. ब्लॉक और पंचायत का चक्कर लगाते लगाते उनके चप्पल घिस गए हैं, लेकिन जीतने के बाद प्रत्याशी किसी की सुनते नहीं हैं. लोगों ने कविता परमार से अपेक्षा की कि वे उनकी जरूर मदद करेंगी और उनका वृद्धा और विधवा पेंशन दिलाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी. उनकी मदद करेंगी. कविता परमार ने भी उन्हें भरोसा दिलाया कि जीत के बाद वह पुनः आकर लोगों से घर-घर मिलेंगी और सभी का जो भी रुका हुआ काम है उसे वह पूरा करवाकर ही दम लेंगी.

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