जमशेदपुर : भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान ने जन साधारण में स्वच्छता को लेकर काफी सकारात्मक सोच पैदा की है। इसी कड़ी में जुगसलाई नगर परिषद् में स्वयं सहायता समूह की कुछ महिलाओं ने कचरा प्रबंधन को अलग स्तर पर ले जाने की मुहिम छेड़ रखा है। घर को फूल पौधों से सजाना सभी को अच्छा लगता है तथा मौसम आते ही सभी फूल और गमले खरीदने लगते हैं। आमतौर पर ये गमले प्लास्टिक के होतें है जो कुछ दिन में टूट जाते है और प्रदूषण फैलाते हैं। इसी समस्या से निपटने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने खाली बचे डाभ से सुंदर प्लांटिंग पॉट तैयार किया है और उसे उचित दामों में लोगों को उपलब्ध करा रहीं हैं। (नीचे भी पढ़ें)
कार्यपालक पदाधिकारी जेपी यादव ने कहा कि यहा काफी अच्छा इनिशिएटिव है । इससे पर्यावरण संरक्षण में भी फायदा होगा साथ ही लोग प्लास्टिक के सामानों का उपयोग कम से कम करेंगे । अगर थोड़ी सी सूझबूझ दिखाई जाए, क्रिएटिविटी दिखाई जाए तो हम बहुत हद तक कचरे का पुनः उपयोग कर उसे अपना काम में लाया जा सकता है। स्वयं सहायता समूह की सदस्य आरती ने बताया कि नारियल का डाभ प्लांट होल्डर के तौर पर नेचुरल तरीके से काम करता है और छोटे पौधे के लिए उपयुक्त है। मैंने अपने गार्डन में भी लगाया है और कुछ दिन बाद ये सुख कर स्वत: नष्ट हो जाते है और कचरा भी नहीं फैलाते है। सोनी कुमारी ने बताया कि जुगसलाई में प्रतिदिन एक दुकानदार से लगभग 15-20 खाली डाभ मिल जाता है वहीं गर्मियों में ये संख्या और बढ़ जाती है। जुगसलाई में 3 दुकानें है जहां से पायलट प्रोजेक्ट के तहत अभी डाभ का कलेक्शन होता है ।