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jharkhand-government-initiative-झारखंड की बच्चियों की तस्करी रोकने के लिए सरकार का अहम फैसला, हयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट व फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट जल्द बनेगा

राशिफल

रांचीः सिंगरी माल्टो (बदला हुआ नाम)महज 12 साल की हैं और वह पुलिस अधिकारी बनाना चाहती है. साहेबगंज निवासी सिंगरी का कहना है, जो उसके साथ हुआ, वह किसी अन्य के साथ न हो. उसे जो यातना व मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी वो किसी अन्य को न झेलना पड़े. सिंगरी मानव तस्करी की शिकार बच्ची है, जिसे राज्य सरकार पांच माह पूर्व दिल्ली से एयरलिफ्ट कर रांची लायी थी. यहां उसकी ब्रेन मैपिंग हुई. सरकार उसके भविष्य की योजनाओं से अवगत हुई और सिंगरी के भविष्य को गढ़ने में जुट गई हैं. सिंगरी जैसी 44 अन्य बेटियां हैं. सभी की अपने भविष्य को लेकर अपनी योजनायें हैं, जिस पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। वर्तमान में रेस्क्यू की गयी बालिग़ बच्चियों को झारखण्ड में ही रोजगार उपलब्ध कराने की पहल की गयी साथ ही नाबालिंग बच्चियों को बालिंग होने तक प्रति माह दो हजार रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश सम्बंधित जिला के उपायुक्तों को दिया गयाहैं. ठीक इसी प्रकार तमिलनाडु के कोयम्बटूर में जबरन 16 घंटे कार्य करने को विवश 24 युवतियों को एयरलिफ्ट कर रांची लाकर नौकरी दी गई. इसके उपलक्ष्य राज्य सरकार ने हुनरमंद 111 नर्सों को देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों में नियोजित कर उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करेगी.
ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन जल्द

लातेहार, साहेबगंज, गोड्डा और गिरिडीह में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इन चार जिलों में एएचटीयू के गठन संबंधी प्रस्ताव के लिए स्वीकृति दे दी है. इन अधिसूचित थानों के कार्यक्षेत्र संबंधित जिला का संपूर्ण कार्यक्षेत्र होगा तथा इसमें एएचटीयू जिला के अन्य थाना क्षेत्र में अवैध मानव व्यापार से संबंधित मामले भी पंजीकृत किये जाने के साथ अनुसंधान भी किए जाएंगे. इन इकाइयों द्वारा अवैध मानव व्यापार की रोकथाम, रक्षा एवं अभियोजन के संधारण तथा अपराध एवं अपराधियों से संबंधित पूरा ब्योरा तैयार कर रखा जाएगा. वर्तमान में आठ एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट झारखण्ड में संचालित हैं.
महिला उत्पीड़न की सुनवाई के बाद जल्द बनेगा फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट

रेप एंड पोस्को एक्ट के अंतर्गत लंबित वादों की त्वरित सुनवाई एवं निष्पादन के लिए झारखण्ड राज्य में जिला एवं अपर सत्र न्यायधीश स्तर के 22 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया. विधि विभाग द्वारा पोस्को एक्ट के तहत राज्य के डालटनगंज(पलामू), धनबाद, जमशेदपुर, गढ़वा, गोड्डा, रांची और देवघर जिले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, अपर न्यायायुक्त, अपर लोक अभियोजक को नामित किया गया है. इसकी प्रशासनिक स्थापना को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रत्येक न्यायालय में वर्ग-III एवं वर्ग-IV के 07-07 कुल 154 अराजपत्रित पदों के सृजन पर घटनोत्तर स्वीकृति दे दी गई है.

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