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bihar-election-jmm-rjd-बिहार चुनाव को लेकर झारखंड सरकार पर संकट के बादल, राजद और झामुमो के बीच टकराव की स्थिति, झामुमो ने पहले चरण में 7 सीट पर लड़ने की घोषणा की, झामुमो ने कहा-राजद से खैरात में सीटें नहीं मांग रहे, लड़ेंगे कई सीटों पर चुनाव, जानें क्या है पूरा मामला

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रांची : बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की भागीदारी होगी. झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) बिहार विधानसभा चुनाव में राजद गठबंधन का साझीदार होने वाली थी, लेकिन मंगलवार को टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जहां झामुमो को गठबंधन के साथ सिर्फ तीन ही सीट देने पर अपनी रजामंदी जतायी थी तो झामुमो 12 सीटों पर अपनी दावेदारी कर रही थी. जब बात नहीं बनी तो मंगलवार को झारखंड की राजधानी रांची में झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने संवाददाता सम्मेलन कर ऐलान कर दिया कि पहले ही चरण में वे लोग सात सीटों पर अपना उम्मीदवार बिहार में देंगे. उन्होंने राजद के नेताओं को आड़े हाथों लिया और कहा कि खैरात में वे लोग सीटें नहीं मांग रहे है. गठबंधन के नाते सीटें नहीं मांग रहे थे. झामुमो कभी भी गठबंधन से अलग हटकर काम नहीं करती है. झामुमो ने झारखंड में पूरा सम्मान राजद को एक सीट पर जीतने के बावजूद दिया है. बिहार में जब सरकार बनानी थी तो झामुमो ने हमेशा लालू प्रसाद यादव को समर्थन दिया है, लेकिन आज के राजद नेता ये सारी चीजें भूल गये है. उन्होंने कहा कि वे लोग गठबंधन से अलग होकर बिहार में चुनाव लड़ेंगे और अपना प्रत्याशी उतारेंगे. झामुमो तारापुर, कटोरिया (एसटी), मनिहारी (एसटी), झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई विधानसभा सीट है, जहां झामुमो का जनाधार है, जहां वे लोग उम्मीदवार अपना दे सकते है. इससे पूर्व चकाई विधानसभा सीट पर झामुमो ने जीत दर्ज की है, बाद में वे जदयू में शामिल हो गए. वैसे इससे सरकार को ज्यादा खतरा झारखंड में नहीं है क्योंकि राजद का सिर्फ एक ही विधायक है, जो मंत्री भी है. ऐसे में एक सीट से सरकार को खतरा तो नहीं है, लेकिन अगर राजद के साथ अनबन हो जाये और दुमका और बेरमो की सीटें कांग्रेस और झामुमो हार जाये तो संकट हो सकता है. वैसे भी राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की मौत हो चुकी है, जिस कारण एक और सीट खाली हो चुकी है. ऐसे में 4 सीटों पर संघर्ष की स्थिति बन जायेगी तो निश्चित तौर संकट गहरा सकता है. वैसे भी भाजपा सरकार गिराने के खेल में शामिल हो चुकी है.

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