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jamshedpur-bjp-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विरोध में भाजपा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पक्ष में उतरी, जमशेदपुर भाजपा ने कहा-पहले नीति का अध्ययन करें, अधकचरा जानकारी लेकर केंद्र के खिलाफ दुष्प्रचार नहीं करें हेमंत सोरेन-video

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जमशेदपुर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है. जमशेदपुर महानगर भाजपा के साकची स्थित कार्यालय में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने मुख्यमंत्री के उन बयानों की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नई शिक्षा नीति को गलत तरीके से परिभाषित कर रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का दुष्प्रचार किए जाने का आरोप लगाते हुए पूरे नीति का अध्ययन किए जाने की नसीहत दी है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षा नीति के प्रस्तावना में साफ तौर पर सारी बातों का जिक्र है. उन्होंने बताया कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नई शिक्षा नीति की परिकल्पना पीएम मोदी ने की थी. जिसे हर स्तर पर विमर्श के बाद लगभग ढाई लाख लोगों से रायशुमारी की गई और अंत में यह नीति लाई गई. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को छात्रों के हितों में बताते हुए इस नीति की सराहना की है. आपको बता दें कि सोमवार को नई शिक्षा नीति पर आयोजित वेबीनार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नई शिक्षा नीति को लेकर मंत्रणा नहीं किए जाने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था. फिलहाल नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्र और झारखंड सरकार आमने-सामने है. इस संवादददाता सम्मेलन में डॉ गोस्वामी के अलावा भाजपा के जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, महामंत्री अनिल मोदी, राकेश सिंह, प्रवक्ता प्रेम झा भी मौजूद थे.

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी.

भाजपा के संवाददाता सम्मेलन की ये है मुख्य बातें :

  1. नई शिक्षा नीति में स्थानीय शिक्षक एवं स्थानीय भाषा से परिचित शिक्षकों को नियुक्त करने पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है.
  2. भारत के उन युवाओं के लिये जो किसी संस्थान में नियमित अध्ययन नही कर सकते उनके लिये नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग का प्रावधान किया गया है.
  3. शत प्रतिशत शिक्षा दर हासिल करने के लिये प्रौढ़ शिक्षा का प्रावधान किया गया है.
  4. भाजपा सरकार क्षेत्रीय और जनजाति भाषाओं के विकास के लिये वचनबद्ध है.
  5. राज्य की संथाली भाषा को 8वीं अनुसूची में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने ही शामिल कराया था.
  6. रेलवे द्वारा संथाली भाषा मे उद्घोषणा मोदी सरकार की देन है
  7. पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने कुडुख, मुंडारी एवं हो भाषा को 8वी अनुसूची में शामिल कराने के लिये केंद्र को अनुशंसा की.
  8. हेमंत सरकार को आज स्थानीय भाषाओं की चिंता सता रही जबकि इनकी सरकार ने ही जेपीएससी परीक्षा में इसका अवमूल्यन किया था.
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