

जमशेदपुर : पहले से ही आपसी घमासान को झेल रही भाजपा जमशेदपुर महानगर में एक नया अजीबोगरीब हरकत शुरू हो गया. जनमुद्दों को छोड़कर भाजपा की ओर से समाचार पत्रों के संपादकों के नाम एक पत्र जारी किया है. जिला महामंत्री राकेश सिंह ने बताया है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए दर्जनों लोगों पर भाजपा ने कड़ी कार्रवाई करते उनकी सक्रिय सदस्यता को निरस्त करते हुए छह वर्षों के लिए निष्कासित किया था. उस समय झारखंड समेत जमशेदपुर महानगर के कई कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्यवाई करते हुए भाजपा ने निष्कासन की घोषणा की थी परंतु नगर के विभिन्न समाचार माध्यमों में भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित अमरप्रीत सिंह काले को भाजपा से जुड़ा दर्शाया जाता है. इस पर भाजपा जिला महामंत्री राकेश सिंह ने आपत्ति दर्ज कराते हुए समाचारपत्र के संपादकों को पत्र लिखकर किसी समाचार में उनका नाम भारतीय जनता पार्टी से जोडक़र प्रकाशित ना करने की मांग की है. इस संबंध में मंगलवार को उन्होंने प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर कहा कि झारखंड प्रदेश भाजपा ने अमरप्रीत सिंह काले को वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी आचरण के कारण छह वर्ष के लिए भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित कर दिया था. इस निष्कासन के बावजूद समाचारपत्र के माध्यम से उनका नाम भाजपा नेता के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे पार्टी की छवि एवं अनुशंसा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि अमरप्रीत सिंह काले भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित व्यक्ति हैं. अत: किसी समाचार में उनका नाम भारतीय जनता पार्टी से जोड़कर प्रकाशित नहीं किया जाये. विदित हो कि कुछ दिनों पूर्व भाजपा जिला कमेटी ने भी इस संबंध में आपत्ति जताते हुए निष्कासित व्यक्तियों के नाम के साथ भाजपा के नाम को ना जोड़ने की बात कही थी. वैसे अखबार या चैनल या वेबसाइट को इस तरह का शायद ही पहला पत्र होगा, जो किसी पार्टी की ओर से लिखा गया होगा कि उनके पार्टी में शामिल नेता को कोई पार्टी का पूर्व नेता भी न कहें क्योंकि अखबार या वेबसाइट या न्यूज चैनल काले हो या फिर अन्य नेता, उनको पूर्व भाजपा नेता या भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता है. पूर्व लिखने पर किसी को आपत्ति नहीं हो सकती है क्योंकि वह नहीं बदल सकता है. ऐसे में इस तरह का पत्र लिखना एक हास्यास्पद है और ऐतिहासिक भी.
