जमशेदपुर : टाटा समूह के खिलाफ झामुमो और कांग्रेस के सत्ता में रहते हुए चल रहे आंदोलन के बीच जमशेदपुर पूर्वी के विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने गंभीर सवाल उठाते हुए ताबड़तोड़ तीन ट्विट किये है. उन्होंने अपने ट्विटर में कहा है कि कई मोर्चे पर खुद झारखंड सरकार ही दोषी है. सरयू राय ने कहा है ”लीज़ समझौता अनुसार टाटा स्टील को जमशेदपुर के नागरिकों को जन सुविधाएं देनी है. इस बारे में विधानसभा में उठे सवालों का सही जवाब झारखंड सरकार नहीं देती है तो इसके लिये कौन दोषी है ? टाटा स्टील या झारखंड सरकार ? इस बारे में कंपनी पर भड़ास निकालने वाले अपनी सरकार के गिरेबान में तो झांकें. अपने दूसरे ट्विट में सरयू राय ने कहा है कि ”झारखंड के सरकारी-ग़ैर सरकारी बड़े उद्योगों का मुख्यालय दिल्ली, पुणे, मुंबई, कोलकाता है. इनका क्षमता विस्तार भी राज्य के बाहर हो रहा है. ज़रूरत है इस पर विचार करने की कि ऐसा कैसे और क्यों हो रहा है ? ऐसा हुआ, हो रहा है तो इसके लिये कौन ज़िम्मेदार है ? सरकार आगे आकर क्या करे कि ऐसा नहीं हो.”. सरयू राय यहीं नहीं रुके. उन्होंने इस आंदोलन पर ही टिप्पणी कर दी है, जिसमें उन्होंने लिखा है ”टाटा कमिंस का कार्यालय तीन साल पहले ही पुणे शिफ़्ट हो गया है. अब पैन नम्बर में पता बदलने के लिये आयकर विभाग ने झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है कि इस पर राज्य सरकार की अनापत्ति नहीं प्राप्त है, तब खलबली मची है. राज्य सरकार को इस पर पहल करनी होगी. बयान देने वाले अपनी सरकार को कहें.” आपको बता दें कि राज्य के मंत्री रहते हुए या फिर विधायक रहते हुए भी सरयू राय टाटा लीज और टाटा समूह के खिलाफ मुद्दों पर विरोध करते रहे है. खास तौर पर वे टाटा लीज की शर्तों का अनुपालन करने के लिए दबाव बनाते रहे है, लेकिन खुद सरकार ने कई बार उनके सवालों को अनसुना कर दिया है, जिस कारण ठीक मौके पर चौका लगाने में माहीर सरयू राय ने कांग्रेस-झामुमो को आड़े हाथों लिया है.