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jamshedpur-mla-saryu-roy-जमशेदपुर पूर्वी की जनसुविधाओं को लेकर झारखंड सरकार और टाटा स्टील की नीतियों के खिलाफ विधायक सरयू राय 14 मई को जमशेदपुर डीसी ऑफिस के सामने देंगे धरना, सरयू राय ने यूं नहीं उठाया यह कदम, जानें क्या रही मजबूरियां आंदोलन करने की

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जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में जनसुविधाएं सभी घरों तक पहुंचाने में झारखण्ड सरकार और टाटा स्टील लिमिटेड की विफलता के विरूद्ध क्षेत्र के विधायक सरयू राय 14 मई को जमशेदपुर के उपायुक्त कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना देंगे. विधायक कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरयू राय ने गत 24 अप्रैल को राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में उन्हें जमशेदपुर के नागरिकों को संतोषजनक जनसुविधाएं उपलब्ध कराने में हो रही कठिनाइयों से अवगत कराया है और मांग किया है कि वे अपने स्तर पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलायें तथा जनसमस्याओं का निराकरण करायें. श्री राय ने बुधवार को सुबह 9 बजे भुइंयाडीह ग्वाला बस्ती, ब्राह्मण टोला के उन इलाकों का सघन दौरा किया जहां दो दिन की हल्की बारिश से नारकीय दृश्य उपस्थित हो गया है. लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. विज्ञप्ति के अनुसार श्री राय ने जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र से विधायक बनने के बाद फरवरी 2020 में इस मुद्दे पर टाटा स्टील की कंपनी जुस्को के अधिकारियों के साथ बैठक की. जुस्को के अधिकारियों और अभियंताओं के साथ इस क्षेत्र का सघन दौरा किया. जुस्को ने इनका ठोस समाधान करने का आश्वासन दिया. परंतु दो वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई कारवाई नहीं हुई. यह खेद का विषय है. श्री राय ने इस बारे में सरकार को भी कई बार अवगत कराया. सरकार अभी तक तय नहीं कर पाई है कि टाटा लीज समझौता के अनुरूप कंपनी द्वारा जनसुविधाएं नहीं देने पर नागरिक इसकी शिकायत कहां करें. जमशेदपुर में नगर निगम नहीं होने के कारण सरकार ने लीज समझौता के तहत पानी, बिजली, सफाई, पार्क आदि की जिम्मेदारी कंपनी को सौंपा है. यदि कंपनी यह दायित्व निभाने में मनमानी करती है, दायित्व नहीं निभाती है तो सरकार कंपनी से ये सुविधाएं दिलवाये या इसकी व्यवस्था स्वयं करे.
इस बारे में दो वर्ष तक समाधान नहीं होने पर श्री राय ने सीधी कार्रवाई का कदम उठाया है और कहा है कि 1985 में लीज समझौता हुआ 37 वर्ष बीतने के बाद, 2005 में समझौते का नवीकरण हुआ, 17 वर्ष होने के बाद भी जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्रों के हजारों घरों में पानी, बिजली नहीं है. यहां तक की टाटा लीज क्षेत्र के अंदर आने वाली और 2005 में लीज क्षेत्र से बाहर की जाने वाली बस्तियों में भी कंपनी ने ये सुविधाएं नहीं दी है. जबकि आदित्यपुर, सरायकेला में यही सुविधा कंपनी दे रही है. आश्चर्य है कि इस क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया ? क्यों बस्तियां पानी, बिजली से वंचित है. विधायक सरयू राय उपायुक्त के माध्यम से ये बातें सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं. उन्होंने सरकार को इस बारे में निर्णय के लिये आज 10 दिनों का समय दिया है.यदि 10 दिनों में सरकार ठोस कारवाई नहीं करती है तो वे आगामी 14 मई को उपायुक्त के जमशेदपुर स्थित कार्यालय पर धरना पर बैठेंगे.

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