

रांची : झारखंड विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव होता रहा. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कई तरह की ऐसी वारदात हुई, जिसको लेकर दोनों ही पक्ष टकराव की स्थिति में आ गये. शून्यकाल के दौरान जब कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी अपनी सूचना दे रहे थे, तब भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री अमर बाउरी, भानु प्रताप शाही, अमित मंडल, मनीष जायसवाल नारा लगाने लगे और जयश्री राम के नारे सदन के बीचोबीच लगाने लगे. इस पर गुस्साएं कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि इन लोगों का इलाज तो मैं कर दूंगा. (नीचे पूरी खबरें पढ़ें)


इसको लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ. इसी बीच भाजपा विधायकों ने जयश्री राम के नारे लगाने लगे. किसी तरह इस मसले को शांत कराया गया. वैसे बजट सत्र के तीसरे दिन शुरुआत में ही भाजपा के विधायक हाथों में तख्ती लेकर पहुंच गये और हंगामा करने लगे. रघुवर दास की सरकार के नियोजन नीति को रद्द करने का विरोध करते हुए इन लोगों ने हंगामा किया और कहा कि हेमंत सोरेन ने हजारों युवाओं की नौकरियों को छीन लिया है. इन लोगों ने सदन में चर्चा करने की मांग की. सदन में रोजगार के समले पर हंगामा करते विधायकों को कई बार स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन भाजपा विधायक नहीं माने. इस दौरान जमकर हंगामा होता रहा. इस हंगामा के बीच जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने विधानसभा में कहा कि युवाओं को नौकरी देने के लिए नियोजन नीति की कहा जरूरत है. सरकार बिना किसी नियोजन नीति के ही युवाओं को नौकरी दे सकती है. वैसे सदन में माहौल तब गर्माया जब बजट सत्र के दौरान नियोजन नीति को लेकर भाजपा विधायक विरंची नारायण, मनीष जायसवाल, रणधीर सिंह ने हंगामा शुरू किया. इस दौरान भाजपा विधायक मनीष जायसवाल वेल में ही लेट गये. इसके बाद सदन की कार्यवाही को स्पीकर ने दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया. स्थगन के बाद भाजपा के सारे विधायक विधानसभा गेट के बाहर धरना देने लगे और नारेबाजी करते हुए राज्य सरकार को घेरने लगे. भाजपा विधायक जब बाहर नारेबाजी कर रहे थे, तब जमशेदपुर पश्चिम के विधायक और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता वहां पहुंच गये और उनको टक्कर देते हुए भाजपा विधायकों के जवाब में नारेबाजी भी करने लगे. इस दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि भाजपा के विधायक गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमत को लेकर कुछ नहीं बोल रहे है और नाटक कर रहे है, जिसका हर स्तर पर जवाब दिया जायेगा. स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे से फिर से सदन की कार्यवाही शुरू की गयी. इस दौरान विपक्षी दल नही माने और भाजपा के सारे विधायक नारेबाजी करते रहे. इस दौरान विधायक अनंत ओझा ने कटौती प्रस्ताव भी लाया, लेकिन भाजपा के विधायक नहीं रुके और नारेबाजी करते हुए सदन से वॉक आउट कर गये. वॉक आउट करने के पहले रांची के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने रांची विश्वविद्यालय के पत्र को फाड़कर फेंक दिया, जिसमें उनको सीनेट का सदस्य बनाया गया था. उन्होंने कहा कि उनको सीनेट का सदस्य बनाया गया और दूसरे ही दिन हटा दिया गया. यह अपमान है. सीपी सिंह के इस कदम का झाविमो से कांग्रेस में गये प्रदीप यादव रने विरोध किया और सीपी सिंह के आचरन को संसदीय आचरण के विपरित बताते हुए उनको सदन से बजट सत्र तक के लिए सस्पेंड करने की मांग की और निंदा प्रस्ताव लाया. इस सत्र के दौरान सीपी सिंह ने कहा कि सदन में उनको सवाल पूछने का मौका तो दिया गया था, लेकिन निकम्मी सररकार उनके सवालों का जवाब नहीं दे सकती है. इस दौरान झामुमो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम विशेष वेशभूषा में आये थे. आदिवासी रीति-रिवाज के तहत वे हरे रंग के आदिवासी लिबास में आये थे. उन्होंने कहा कि रघुवर दास ने ऐसी नियोजन नीति बनायी है, जिससे स्थानीय लोगों को ही नुकसान हो रहा है. बंधु तिर्की ने कहा कि गलत तरीके से अंग्रेजी और संस्कृत जैसी भाषा को जनजातीय भाषा की सूची में शामिल कर दिया. सदन के दौरान भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने हजारीबाग में जनवितरण प्रणाली के तहत वितरित किये जा रहे किरासन तेल में विस्फोट का मामला भी उठाया. इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जवाब दिया कि मामले की उच्चस्तरीय जांच चल रही है और जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने इस घटना में मारे गये लोगों के परिजनों चार-चार लाख रुपये मुआवजा का ऐलान भी किया.