रांची : झारखंड विधानसभा में इस साल के उत्कृष्ट विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी बनाये गये है. श्री चंद्रवंशी को उत्कृष्ट विधायक देने को लेकर शनिवार को फैसला लिया गया. झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की अध्यक्षता में विधायी उत्कृष्टता पुरस्कार चयन समिति की बैठक में इसका फैसला लिया गया. इसके बाद तय किया गया कि रामचंद्र चंद्रवंशी को उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार दिया जायेगा. उनके आचरण, उत्तम कार्य, सदर के अंदर बेहतर आचरण के आधार पर यह अवार्ड देने का फैसला लिया गया. भाजपा के विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी पूर्व की रघुवर दास की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके है. यह अवार्ड बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक सम्मान के नाम पर दिया जाता है.
अब तक इन लोगों को मिला है सम्मान
बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक सम्मान पहली बार 2001 में विशेश्वर खान को दिया गया था. इसके बाद वर्ष 2002 से क्रमवार रूप से हेमलाल मुर्मू, राजेंद्र प्रसाद सिंह, लोकनाथ महतो, अन्नपूर्णा देवी, राधा कृष्ण किशोर, पशुपतिनाथ सिंह, इंदर सिंह नामधारी, जनार्दन पासवान, माधव लाल सिंह, रघुवर दास, लोबिन हेम्ब्रम, प्रदीप यादव, स्टीफन मरांडी, विमला प्रधान, मेनका सरदार, नलीन सोरेन को यह सम्मान मिल चुका है.
राजद से शुरू की राजनीति, अब भाजपा में, एक साधु के कहने पर आये थे राजनीति में
रामचंद्र चंद्रवंशी का जन्म पलामू के हैदरनगर के चौकड़ी गांव में हुआ. कांग्रेस के वरिष्ट नेता जगनारायण पाठक इसी गांव के रहने वाले थे. स्कूल और कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद रामचंद्र चंद्रवंशी को सरकारी नौकरी मिलेगा. वर्ष 1994 में वो गढ़वा जिले के विभिन्न प्रखंड में नाजिर रहे. लेकिन ज्यादा दिन तक सरकारी नौकरी में मन नहीं लगा इसलिए नौकरी छोड़कर सियासत करने निकल गये. चंद्रवंशी के दो बेटे हैं, ईश्वर सागर चंद्रवंशी और संजय चंद्रवंशी. रामचंद्र चंद्रवंशी कभी ब्लॉक में नाजिर हुआ करते थे. वर्ष 1995 में सरकारी नौकरी छोड़कर वे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के टिकट पर 1995 में विश्रामपुर से विधानसभा चुनाव लड़े थे. इसी चुनाव में वे जीत भी गये. पहली बार वे मंत्री बनाये गये. लेकिन वर्ष 2000 का चुनाव श्री चंद्रवंशी हार गये. वर्ष 2005 में फिर राजद टिकट पर विश्रामपुर से दोबारा विधायक चुने गए पर 2009 में चंद्रवंशी को फिर वे हार गये. वर्ष 2014 में राजद को छोड़कर उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. मोदी लहर में तीसरी बार विश्रामपुर से विधायक बन गए. स्वास्थ्य मंत्री बने. 2019 में भी चौथी बार विधायक चुने गए. रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्वयं कभी कहा था कि वो सरकारी नौकरी ही करते रहते, लेकिन एक पंडित साधु ने उनकी लकीरें देखकर राजनीति में कामयाब होने के बारे में बताया. उसके बाद वो सियासत में कूद गए. शिक्षण संस्थान खोलने के लिए रामचंद्र चंद्रवंशी इलाके में जाने जाते हैं. विश्रामपुर में उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज समेत कई शिक्षण संस्थान खोले. उनके नाम पर यूनिवर्सिटी तक है.