रांची : झारखंड में विपक्ष के नेता के तौर पर बाबूलाल मरांडी के नियुक्ति के मामले को लेकर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. दल-बदल के मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में हुई, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जारी किये गये सारे नोटिस के मामले में जवाब तलब किया गया है. जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में दाखिल आइए याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए विधानसभा के अधिवक्ता ने अदालत से समय मांगी है. इसको अदालत ने स्वीकार करते हुए 14 दिसंबर तक विधानसभा अध्यक्ष को जवाब दाखिल करने को कहा गया है. अगली सुनवाई 15 दिसंबर तक होगी. बाबूलाल मरांडी की ओर से रांची में सरकार के खिलाफ हमला भी बोला गया. इसको लेकर संवाददाता सम्मेलन आयोजित की गयी, जिसमें बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर राज्य सरकार कोई फैसला नहीं ले रही है और स्थानीय निकाय के भी चुनाव नहीं करा रही है. कोरोना के बहाने पंचायत चुनाव को टालकर सरकार घोटाला करना चाहती है. जबकि चुनाव आयोग लगातार चुनाव करा रही है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पंचायत चुनाव नही होने से केंद्व सरकार द्वारा भेजे गये पैसे नहीं मिल सकेंगे और गांवों का विकगास रुक जायेगा. धान खरीद के बारे में सरकार को घेरते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्य के किसान परेशान है जबकि पूर्व में प्रति क्विंटल 15 किलो घटाकर कच्चा धान की खरीद होती रही है. उन्होंने कहा कि खुद राज्य की हेमंत सरकार धान की एमएसपी से किसानों को वंचित कर रही है और किसान आज हजार रुपये क्विंटल से भी कम कीमत में बिचौलियों के हाथों अनाज बेचने को मजबूर है. उन्होंने बालू के नाम पर सरकार को लूट करने का आरोप भी लगाया और कहा कि झारखंड में 472 बालू घाट है, लेकिन 25 घाटों की ही नीलामी हुई है. राज्य के लोग महंगे बालू खरीद रहे है. सरकार को हर हाल में बालू को मुफ्त कर देना चाहिए और राज्य की सीमाओं पर चेक पोस्ट बनाकर इसकी तस्करी को रोकना चाहिए. इस मौके पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा भी बाबूलाल मरांडी के साथ थे.
jharkhand-bjp-babulal-marandi-भाजपा के विपक्ष के नेता के मामले में बाबूलाल मरांडी के केस के मामले में हुई सुनवाई, स्पीकर के नोटिस को लेकर जवाब दाखिल करेगी विधानसभा, बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर बोला हमला
[metaslider id=15963 cssclass=””]