जमशेदपुर : झारखंड भाजपा की ओर से पूरे राज्य भर के सभी जिला एवं मंडल कमेटियों की घोषणा कर दी गई है. वैसे घोषणा के बाद से ही नई कमेटी विवाद में आ गई है. आपको बता दें मंगलवार को जहां कमेटी घोषणा के कुछ घंटे बाद ही जमशेदपुर महानगर भाजपा के गोलमुरी मंडल अध्यक्ष बनाए जाने के बाद निजी कारणों का हवाला देते हुए पूर्व भाजयुमो जिला अध्यक्ष अमरजीत सिंह राजा ने जिला अध्यक्ष गुंजन यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया. वहीं 24 घंटे भी नहीं बीते कि सरायकेला-खरसावां जिला उपाध्यक्ष का पद निजी कारणों का हवाला देते हुए जिला परिषद अध्यक्ष शकुंतला महाली ने भी पद त्याग दिया है.
वैसे इसके पीछे उन्होंने जिला परिषद अध्यक्ष के दायित्व और निजी कारणों का हवाला दिया है. वैसे उन्होंने एक कारण का और जिक्र किया है, जो गौर करने वाली बात है. उन्होंने जिला अध्यक्ष को लिखे पत्र में लिखा है कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जो कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी गणेश महाली को हराने का काम किया था एवं जिन्हें निष्कासित किए जाने संबंधी अनुशंसा की गई थी, वैसे लोगों को पार्टी में पद दिया गया है, जो चिंता का विषय है इसलिए पार्टी के जिला उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे रही हैं.
जमशेदपुर भाजपा और जमशेदपुर ग्रामीण भाजपा में चुनाव हराने के आरोपी नेताओं को दिया गया पद, विरोध के स्वर तेज
दूसरी ओर, जमशेदपुर भाजपा में पहले ही एक इस्तीफा हो चुका है. वहीं जमशेदपुर ग्रामीण भाजपा में भी इस्तीफा का दौर शुरू हो सकता है. जमशेदपुर भाजपा ग्रामीण में इस बात को लेकर कमेटी का विरोध हो रहा है क्योंकि वहां भी चुनाव हराने के आरोपी भाजपा नेताओं को पद से सम्मानित किया गया है. वैसे जमशेदपुर ग्रामीण भाजपा के जिला महामंत्री बापटू साहू को बनाया गया है, जिसके खिलाफ बहरागोड़ा विधानसभा में कुणाल षाड़ंगी को हराने का आरोप है. इसको लेकर प्रदेश कमेटी को भी शिकायत की गयी है. बापटू साहू उस वक्त बहरागोड़ा के अध्यक्ष होते थे. अभी राजकुमार कर को बहरागोड़ा का मंडल अध्यक्ष बनाया गया है. उसके खिलाफ भी शिकायत है कि उसने झामुमो के लिए चुनाव के दौरान काम किया था. इसकी भी लिखित शिकायत है. मुसाबनी मंडल अध्यक्ष बनाये गये तुषार पातर के खिलाफ भी घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विरोधी काम करने का आरोप है. लेकिन उनको मंडल अध्यक्ष बनाया गया है.
मोर्चा अध्यक्षों की घोषणा को रोकी गयी, पितृपक्ष के बाद हो सकती है घोषणा
भाजपा के सारे महिला मोरचा, युवा मोरचा, एसटी मोरचा, एससी मोरचा, अल्पसंख्यक मोरचा समेत तमाम मोर्चा के जिला अध्यक्षों की घोषणा को अभी रोक दिया गया है. हर जिले में इसको रोका गया है. बताया जाता है कि इसको लेकर काफी दावेदारी होने और लगातार बन रहे दबाव को देखते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने इसकी घोषणा को रोका है. अभी सारे नामों पर विचार करने के बाद इसको मंजूरी दी जायेगी. मोर्चा के अध्यक्षों की घोषणा पितृपक्ष के बाद संभव हो सकता है. वैसे इसको लेकर अधिकारिक तौर पर कोई नेता कुछ नहीं कह रहा है. सभी जिले के साथ प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा के साथ ही हो जायेगी. कई जगहों पर पद खाली है, जिसको भरने का भी आदेश दिया गया है.