
रांची : झारखंड में राज्यसभा के चुनाव को लेकर भाजपा में ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है. भाजपा में चर्चा यह है कि इस बार केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का सीट खाली हो जायेगा क्योंकि इस बार झारखंड से वे राज्यसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे अलबत्ता वे उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ सकते है. वे झारखंड से 2016 में चुनाव जीते थे जब राज्यसभा के सदस्य चुने गये थे. इसके बाद एक सीट तो खाली हो जायेगी. इसके बाद एक और सीट मई 2022 तक खाली होगी क्योंकि महेश पोद्दार की भी सीट खाली होगी, जो भाजपा के कोटे से अभी राज्यसभा सदस्य है. ऐसे में भाजपा को चुनाव में जीतने के लिए जरूरी 28 विधायकों की जरूरत होगी, जिसमें से 29 विधायक का समर्थन उनके पास है जबकि दो निर्दलीय विधायक अमित यादव और भाजपा की ही पार्टी से अलग हुए सरयू राय है, जो उनको समर्थन दे देंगे तो आराम से सीट निकल जायेगी. सरयू राय ने पिछले बार के राज्यसभा के चुनाव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के पक्ष में वोट डाला था. 2016 के चुनाव में मुख्तार अब्बास नकवी और महेश चंद्र पोद्दार एक साथ जीते थे क्योंकि उस वक्त भाजपा के पास पूरी बहुमत थी. इस बार आजसू के दो विधायकों की जरूरत होगी क्योंकि भाजपा के पास अपने 26 विधायक है. सूत्र बताते है कि इस बार के राज्यसभा चुनाव में राज्यसभा की सीट पर अगर मुख्तार अब्बास नकवी नहीं चुनाव लड़ते है तो झारखंड से पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास को टिकट दे सकती है. वैसे रघुवर दास को भी सीट पर टिकट इसलिए दे सकती है क्योंकि भाजपा चाहती है कि 2024 का चुनाव वे अपने नेता बाबूलाल मरांडी (झाविमो के भाजपा में विलय के बाद) की अगुवाई में लड़ें और एक मौका उनको भी दिया जाये. अगर रघुवर दास पर कोई एकमत नहीं बनती है तो इस सीट पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रोफेशर आदित्य साहू को टिकट दिया जा सकता है क्योंकि रघुवर दास के नाम से आजसू को अदावत है जबकि सरयू राय भी उनका समर्थन नहीं करेंगे. लेकिन अगर आजसू का समर्थन मिल जाता है तो भाजपा रघुवर दास को केंद्र की राजनीति में जगह देकर झारखंड भाजपा के सारे विवाद को ही समाप्त कर देना चाहती है. दरअसल, अभी भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री का दौरा हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी है और बताया है कि अंदरूनी तौर पर पार्टी में कलह के कारण कार्यकर्ता काफी नाराज चल रहे है और पार्टी में काफी बिखराव की स्थिति है. एक ध्रुव रघुवर दास का काम कर रहा है जबकि दूसरे ध्रुव में दीपक प्रकाश और बाबूलाल मरांडी की जोड़ी की है. तीसरे समीकरण में भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का भी है, जो पूरे तौर पर झारखंड में काम नहीं कर पा रहे है. ऐसे में यहां की राजनीति को शांत करने के लिए रघुवर दास को केंद्र में भेजना जरूरी है ताकि यहां की गुटबाजी को शांत किया जा सके और पार्टी को नयी धार दी जा सके. वैसे भी भाजपा चाहती है कि रघुवर दास जैसे जनाधार वाले नेता को केंद्र में मदद ली जाये जो राजनीतिक तौर पर काफी परिपक्व माने जाते है और उनको केंद्र में भी जगह दी जा सके.