रांची/जमशेदपुर : झारखंड में भाजपा ने झारखंड की सरकार पर हमला बोल दिया है. इस हमले के बीच केंद्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने ट्विटर पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नसीहत दी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार ने देश के 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को 2 माह तक 5 किलो अनाज प्रति व्यक्ति मुफ्त देने का निर्णय लिया है. झारखंड में भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं. उनके लिए 26.37 लाख टन आवंटित की गयी है. उन्हें समय पर अनाज मिले,यह राज्य सरकार सुनिश्चित करें.
रघुवर दास ने कहा-भूख से मौत पर मुश्किल
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड में भूख से लगातार हो रही मौत पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए इसे राज्य सरकार के निकम्पेपन का प्रमाण बताया है. उन्होंने मांग की है कि झारखंड में लगातार हुई दो बेटियों की मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए. श्री दास ने कहा कि मुख्यमंत्री समाचार माध्यमों के माध्यम से अपनी पीठ रोज थपथपा रहे हैं तथा डपोरशंखी घोषणाएं कर रहे हैं लेकिन शासन व्यवस्था इनकी हाथ से दिन प्रतिदिन फिसलती चली जा रही है. लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार को जो चुस्ती और फूर्ति दिखानी चाहिए वह सिर्फ ऊपर-ऊपर तो दिखायी पड़ती है लेकिन वास्तविकता कुछ और है. इसी 3 अप्रैल को रामगढ़ के गोला में संग्रामपुर गांव की 17 वर्षीय दलित उपासो की भूख से मौत हो गयी थी. भूख से मौत का यह सिलसिला लगातार जारी है. इस बार लातेहार जिला के मनिका प्रखंड की डोंकी पंचायत के हेसातु गांव में जगलाल भुइयां की पांच वर्षीय पुत्री निम्मी कुमारी की मौत 16 मई को भूख के कारण हो गयी है. उपासो की मौत की तरह निम्मी की मौत की वजह छिपाने की कोशिश चल रही है. कहा जा रहा है कि लू लगने से बच्ची की मौत हुई है, जबकि परिवार वाले इस मौत को भूख से मौत बता रहे हैं. कहा जाता है कि निम्मी के परिवार के पास घर में खाने को एक दाना अनाज नहीं था, दो दिनों से चूल्हा तक नहीं जला था. एक ओर केंद्र सरकार की ओर से गरीबों के लिए समुचित राशन की आपूर्ति की जा रही है, दूसरी ओर राज्य सरकार गरीबों तक राशन पहुंचाने में सक्षम नहीं है, जिसके कारण लगातार लोग भूख से मर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उपासो और निम्मी की भूख से मौत सामान्य मौत नहीं है. यह एक प्रकार से राज्य सरकार के हाथों झारखंड की बेटियों की हत्या है. सरकार की उदासीनता और लापरवाही का ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा गया.
पूर्वी सिंहभूम की कपड़ा दुकानों को लॉकडाउन से मुक्त रखा जाय : रघुवर दास
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के मुख्य सचिव से पूर्वी सिंहभूम की कपड़ा दुकानों को लॉकडाउन से मुक्त रखने का आग्रह किया है. मुख्य सचिव को लिखे पत्र में श्री दास ने जमशेदपुर थोक व विक्रेता संघ द्वारा उन्हें सौंपे गये एक ज्ञापन की चर्चा करते हुए कहा है कि लगातार लॉकडाउन से कपड़ा व्यवसाईयों की स्थिति दयनीय हो गयी है. विक्रेताओं की पूंजी समाप्त हो गयी है. उनका अपना परिवार चलाना मुश्किल हो गया है, ऐसे में दुकान के कर्मचारियों का वेतन भुगतान असंभव हो गया है. संघ द्वारा उन्हें सौंपे ज्ञापन में पूर्वी सिंहभूम जिले के आरेंज जोन में होने के बावजूद यहां के थोक एवं खुदरा कपड़ा व्यवसाईयों को दुकान खोलने की अनुमति नहीं प्रदान करने पर चिंता प्रकट की है. श्री दास ने मुख्य सचिव से आग्रह किया है कि ओडि़सा एवं बंगाल की तरह पूर्वी सिंहभूम की कपड़ा दुकानों को भी लॉकडाउन से मुक्त रखा जाए.