

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के अनगड़ा में माइनिंग लीज लेने के मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से जारी नोटिस का जवाब भेज दिया है. स्पेशल मैसेंजर के माध्यम से यह नोटिस का जवाब भेजा गया है. बताया जाता है कि इसको अधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी गयी है, लेकिन सूत्र बताते है कि चनाव आयोग को भेजे गये नोटिस में अपने आपको मुख्यमंत्री ने बेदाग बताया है और निर्दोष होने के दस्तावेज भी प्रस्तुत किये है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने जवाब में कहा है कि 17 मई 2008 को रांची के अनगड़ा में 88 डेसिमल जमीन दस साल के लिए मंजूर किया गया था. 2018 में लीज नवीकरण के लिए उन लोगों ने आवेदन दिया था, जो लैप्स हो या था. 2011 में फिर से आवेदन मांगा गया. सभी प्रक्रिया का अनुपालन किया गया, जिसके बाद माइनिंग लीज दी गयी थी. इसको लेकर फिर से आवेदन की मांग 2021 में की गयी. इसके बाद फिर से उनको माइनिंग लीज मिली. लीज को लेकर किसी तरह का खुदाई या खनन करने के लिए कोई लाइसेंस नहीं मिला है. उन्होंने यह भी बताया है कि 4 फरवरी 2022 को उन्होंने लीज को सरेंडर भी कर दिया है, ऐसे में उनको अयोग्य ठहराना गलत होगा. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री रहते हुए दोहरा लाभ उठाने को लेकर एक शिकायत दर्ज करायी गयी थी. चुनाव आयोग से इसको लेकर शिकायत दर्ज कराया गया था. इसको लेकर राज्यपाल के पास पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शिकायत की थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने 2 मई को इस मामले में मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर दी थी. इस नोटिस का जवाब 10 मई तक देना था, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसको लेकर समय ले लिया, जिसके बाद 20 मई तक का समय निर्धारित कर दिया गया, जिसके आलोक में यह जवाब दे दिया गया.
