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jharkhand-congress-against-farmers-bill-झारखंड कांग्रेस ने केंद्र के कृषि बिल के खिलाफ किया राजभवन मार्च, कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव समेत तमाम नेताओं ने बोला हल्ला, मंत्री बन्ना, सांसद गीता कोड़ा व जमशेदपुर समेत राज्य के सारे कांग्रेसियों ने लिया हिस्सा, जानें नेताओं ने क्या कहा

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रांची के मोरहाबादी मैदान में गांधी जी की प्रतिमा के सामने धरना देते कांग्रेसी.

रांची : केंद्र सेरकार के कृषि बिल के खिलाफ कांग्रेस ने हल्ला बोल दिया है. झारखंड कांग्रेस ने इसके खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में राजभवन मार्च किया. पैदल मार्च रांची के मोरहाबादी मैदान से प्रारंभ हुआ. सर्वप्रथम महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर मुख्य अतिथि झारखंड प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सह मंत्री झारखंड सरकार डॉ रामेश्वर उरॉव, सीएलपी लीडर सह मंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख व तमाम विधायक और सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा समेत अन्य लोगों ने पैदल मार्च किया. नेता व कार्यकर्ता हाथ में तख्ती, झंडा, बैनर लेकर बिल वापस करने तथा केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर राजभवन पहुंचे. पैदल मार्च सभा में तब्दील हो गया, जिसमें नेताओं ने मोदी सरकार को किसान विरोधी, मजदूर विरोधी करार दिया और कृषि बिल को वापस लेने तक कांग्रेस पार्टी प्रदेश, जिला, प्रखण्ड, पंचायत तथा गांव तक आंदोलन करेगी.

सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा अपने दल बल के साथ रैली में मौजूद.

नेताओं ने कहा कि वर्तमान बिल किसानों के जमीन पर पुंजीपतियों का हमला है. इससे किसान अपने ही जमीन पर मजदूर बन कर रह जाएंगे. इस बिल से महाजनी प्रथा समाज में व्याप्त हो जाएगा. जिसका विरोध होगा. इस आंदोलन में काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. कांग्रेस ने राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंप दिया. इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष व वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों से किया गया अपना वादा पूरा नहीं किया. सरकार का नया कृषि कानून से देश के किसानों की स्थिति बद से बदतर हो जाएगी इसलिए पूरे देश के लोगों को किसानों के पक्ष में रहना खुलकर आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि युगों-युगों से किसानों ने ही देश का पेट भरा है. आज उनकी स्थिति खराब है. मजबूर होकर वो आत्महत्या कर लेते हैं. लागत के अनुसार मूल्य नहीं मिलता है. कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि आज कृषि बिल लाकर केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि उनको कृषकों से कोई मतलब नहीं है.

रैली में मौजूद राज्य के मंत्री बन्ना गुप्ता.

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार की जो नीति बनी है वह पूंजीपतियों के हित में और गरीबों को परेशान करने वाली है. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों से सहमति लिये बगैर कृषि कानून बना डाला. यह पूंजीपतियों और बड़े औद्योगि घरानों के इशारे पर उन्हें लाभ पहुंचाने वाला कानून है. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख इस कानून को काला कानून बताते हुए कहा कि किसान देश के अन्नदाता है और पहली बार ऐसा हुआ कि जिसके लिए कानून बनाया जा रहा है. उनसे पूछा तक नहीं गया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का दावा है कि इससे किसानों को लाभ होगा तो भाजपा बताए कि देश के किसान विरोध में आंदोलन क्यो कर रहे है.

राजभवन में कांग्रेस की ओर से ज्ञापन सौंपते नेतागण.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते है कि यह कानून किसानों के फायदे के लिए है तो जिस कानून से फायदा होगा उस कानून के खिलाफ पूरा देश का किसान सड़कों पर क्यो उतर आए है. विरोध मार्च में पार्टी के विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसद के अलावा प्रदेश के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे.

जमशेदपुर कांग्रेस के नेतागण प्रदर्शन करते हुए.

जमशेदपुर के भी कांग्रेसियों ने लिया हिस्सा
आंदोलन में जमशेदपुर के लोगों ने भी हिस्सा लिया. कांग्रेस के नेताओं ने भी यहां प्रदर्शन किया और जमशेदपुर की उपस्थिति दर्ज करायी. इसमें मुख्य रूप से जोनल कोऑडिनेटर अशोक चौधरी, विजय खां, महेन्द्र मिश्रा, ब्रजेन्द्र तिवारी, संजय सिंह आजाद, शफी अहमद खान, राज किशोर यादव, आनंद बिहारी दुबे, कमलेश कुमार पांडेय, फिरोज खान, रामस्वरूप यादव, प्रिंस सिंह, ओम प्रकाश सिंह, मनोज सिंह, संजय घोष, शैलेन्द्र सिंह, अतुल गुप्ता, अमर कुमार मिश्रा, चंदन पांडेय सहित अनेकों नेता शामिल हुए.

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