जमशेदपुर : झारखंड के मानसून सत्र में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने स्थानीय मुद्दों को विधानसभा में जोरदार तरीके से उठाया है. उन्होंने खास तौर पर टाटा मोटर्स और टाटा कमिंस यूनियन के नेताओं पर प्रबंधन द्वारा की गयी कार्रवाई के सवाल अल्पसूचित प्रश्न उठाया है. सरयू राय ने सवाल उठाया कि क्या यह बात सही है कि जमशेदपुर स्थित टाटा कमिंस प्रबंधन द्वारा वहां के मजदूर यूनियन के महासचिव की अकारण बर्खास्तगी के विषय में उपश्रमायुक्त, जमशेदपुर द्वारा टाटा कमिंस प्रबंधन को नोटिस दिया गया है. राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इस पर जवाब दिया कि आंशिक रुप से यह स्वीकारात्मक प्रश्न है. उपश्रमायुक्त जमशेदपुर के पत्रांक 2573 दिनांग 18 सितंबर 2020 के द्वारा सूचित किया गया है कि अरुण कुमार सिंह, बर्खास्तगी के मामले में उपश्रमायुक्त, जमशेदपुर के स्तर पर अभी कार्रवाई जारी है. सरयू राय ने एक और सवख़ल उठाया कि क्या यह बात सही है कि टाटा मोटर्स प्रबंधन द्वारा यहां के मजदूर यूनियन के महासचिव और कतिपय अन्य यूनियन पदाधिकारियों की अकारण बर्खास्तगी और वहां का मजदूर यूनियन विवाद का मामला श्रमायुक्त के समक्ष लंबित है. इसका जवाब देते हुए श्रम मंत्री ने कहा है कि टाटा मोटर्स प्रबंधन द्वारा वहां के मजदूर यूनियन के महासचिव और अन्य कतिपय अन्य यूनियन के पदाधिकारियों की सेवा से बर्खास्तगी से संबंधित एकल औद्योगिक विवाद, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 2ए के अंतर्गत संबंधित क्षेत्र के श्रम न्यायालय में प्रभावित कामगार द्वारा सीधे दायर करने का प्रावधान है. इस कारण इससे संबंधित कोई भी औद्योगिक विवाद श्रमायुक्त झारखंड के समक्ष लंबित नहीं है. एक अन्य सवाल में श्री राय ने पूछा कि क्या यह बात सही है कि जमशेदपुर की टाटा कमिं, टाटा मोटर्स और अन्य औद्योगिक इकाइयों में प्रबंधन और श्रमिकों के परस्पर संबंधों के परिप्रेक्ष्य में आचार संहिता बनाया है, जिनकी वैधानिकता का अध्ययन झारखंड सरकार द्वारा नहीं किया गया है. इस पर श्रम मंत्री ने कहा है कि जमशेदपुर की टाटा कमिंस, टाटा मोटर्स और अन्य औद्योगिक इकाइयों के प्रबंधन एवं श्रमिकों के परस्पर संबंधों के परिप्रेक्ष्य में आचार संहिता बनाये जाने अथवा इसकी वैधानिकता की अध्ययन के लिए कोई आवेदन या प्रस्ताव विभाग को प्राप्त नहीं है. एक और सवाल श्री राय ने कहा कि यदि उपर्युक्त खंडों के उत्तर स्वीकारात्मक है तो सरकार टाटा कमिंस मजदूर यूनियन के बर्खास्त महासचिव और टाटा मोटर्स के मजदूर यूनियन के बर्खास्त पदाधिकारियों को पुन: बहाल करने और जमशेदपुर की औद्योगिक इकाइयों की आचार संहिताओं का अध्ययन करने की दिशा में ठोस कार्रवाई करना चाहती है, हां तो कब तक, नहीं तो क्यों, इस पर श्रम मंत्री ने कहा कि यह श्रमायुक्त के पास लंबित नहीं है और किसी तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है.
मोहरदा जलापूर्ति योजना का सवाल उठाया गया
सरयू राय ने अल्पसूचित प्रश्न बिरसानगर के मोहरदा जलापूर्ति योजना के तहत भी उठाया. सरयू राय ने कहा कि क्या यह बात सही है कि पूर्वी सिंहभूम जिला के जमशेदपुर की मोहरदा जलापूर्ति परियोजना का परिचालन और मरम्मत कार्य करने के लिए सरकार और टाटा स्टील की कंपनी जुस्को के बीच वर्ष 2017 में एक समझौता हुआ है, जिसके अनुसार सरकार द्वारा स्थापित मोहरदा जलापूर्ति परियोजना की संरचनाओं विस्तार और पुनरुद्धार कार्यों पर 60 प्रतिशत राशि जुस्को को और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार को खर्च करना है, इसको सरकार की ओव से सरकार ने कहा है कि यह सही बात है. श्री राय ने पूछा है कि क्या यह बात सही है कि परियोजना के पुनरुद्धार और विस्तार के संबंध में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था करने के लिए जुस्को की विद्युत लाइन को परियोजना स्थल तक ले जाने का काम पूरा हो गया है, लेकिन झारखंड विद्युत वितरण निगम द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं देने के कारण अभी तक जुस्को का विद्युत कनेक्शन, परियोजना के पंपिंग स्टेशन के साथ जोड़ा नहीं गया है. इस पर सरकार ने जवाब दिया है कि हां यह बात सही है कि जुस्को द्वारा विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था लाइन को परियोजना स्थल तक ले जाने के कार्य को पूरा किया गया है, लेकिन झारखंड विद्युत निगम लिमिटेड को बकाया विद्युत विपत्र राशि 1 करोड़ 41 लाख 22 हजार 50 रुपये का भुगतान जुस्को द्वारा नहीं किये जाने के कराण झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा विद्युत संयोजन के लिए अनापत्ति प्रदान नहीं किया गया है. इस कारण ऊर्जा विभाग से समन्वय किया जा रहा है. श्री राय ने अपने तीसरे सवाल में पूछा है कि क्या यह बात सही है कि झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम के बिजली बिल का भुगतान जुस्को द्वारा नहीं करने और जुस्को की बिजली वितरण व्यवस्था का कनेक्शन मोहरदा पेयजलापूर्ति संरचना से नहीं जोड़े जाने के कारण जलापूर्ति में अक्सर व्यवधान होते रहते है. इस पर सरकार ने कहा है कि यह यह बात सही है. चौथे सवाल में सरयू राय ने फिर सरकार से पूछा है कि यदि उपर्युक्त खंडों के उत्तर स्वीकारात्मक तो क्या सरकार मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना के सुचारु संचालन के लिए संचालन संरचना के साथ जुस्को की बिजली का कनेक्शन जोड़ने का विचार रखती है, हां तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं, इस पर कहा है कि जैसे ही जुस्को बकाया का भुगतान कर देगी और ऊर्जा विभाग से समन्वय स्थापित हो जायेगा तो समस्या का निराकरण भी हो जायेगा.