रांची : झारखंड गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन को उनकी जयंती के मौके पर याद किया जा रहा है. आज उनकी याद में सारे लोग सिर झुका रहे है और उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे है. दुर्गा सोरेन की मौत वर्ष 2009 के 21मई को उनकी मौत उनके बोकारो स्थित आवास में हो गयी थी. वे सोये तो फिर उठ नहीं पाये थे. इसके बाद उनकी मौत घर पर ही हो चुकी थी. स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की विधवा सीता सोरेन अभी भी जामा से विधायक है. वैसे दुर्गा सोरेन की मौत रहस्यमयी थी क्योंकि मौत का कारण सामने नहीं आया था. यह कहा जाता है कि दुर्गा सोरेन ही गुरूजी शिबू सोरेन के असल विरासत संभालने वाले थे, लेकिन अचानक से उनकी मौत हो गयी. उनकी मौत के बाद गुरुजी ने अपने छोटे बेटे हेमंत सोरेन को आगे किया. मंझिला बेटा बसंत सोरेन भी है, लेकिन वह अब तक राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं है. झामुमो को जानने वाले यह कहते है कि अगर दुर्गा सोरेन होते तो हेमंत सोरेन कभी भी सक्रिय राजनीति में भी नहीं आ पाते, लेकिन समय ऐसा गुजरा कि उनकी मौत हो गयी और हेमंत सोरेन ने गुरुजी शिबू सोरेन ने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना दिया और आज हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री है. आज सारे लोग उनको याद कर रहा है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दिवंगत दुर्गा सोरेन की 52वीं जयंती पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर नमन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े ” दादा ” के इस दुनिया मे नहीं होने से जो खालीपन आया है उसकी भरपाई नही हो सकती है. वे किसी परिचय के मोहताज कभी नहीं रहे. उनकी कमी हमेशा खलेगी. वे आज हमारे बीच नहीं है , लेकिन उनके कार्य सदैव याद रखे जाएंगे. वे हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगे. झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में भी दिवंगत दुर्गा सोरेन ने अहम भूमिका निभाई थी. उनकी नेतृत्व क्षमता बेहतरीन थी. वे युवाओं के मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत थे. झारखंड के विकास के लिए वे हमेशा तत्पर रहते थे. लोगों की समस्याओं का समाधान उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होती थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सोच और सपनों के अनुरूप झारखंड बनाने के लिए हम सभी को मिलजुलकर प्रयास करने की जरूरत है. इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद के अलावा सुप्रियो भट्टाचार्य और विनोद पांडेय ने भी स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.