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jharkhand-phone-tapping-issue-झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, सरयू राय समेत 400 लोगों के फोन टेपिंग का मामला गरमाया, डॉ अजय कुमार ने सीएम को लिखा पत्र, कहा-ईमानदार आइपीएस के नेतृत्व में बने एसआइटी, रघुवर दास पर हो कार्रवाई

राशिफल

डॉ अजय कुमार के ट्विट.

जमशेदपुर : झारखंड में मुख्यमंत्री के तौर पर रघुवर दास के कार्यकाल में हुई फोन टेपिंग कांड का मामला तीखा मोड़ लेता नजर आ रहा है. इसको ताजा मोड़ दिया है जमशेदपुर के पूर्व सांसद और पूर्व आइपीएस के साथ आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार ने. डॉ अजय कुमार ने फोन टेपिंग मामले को पहले तो ट्विट के माध्यम से यह कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री रहते हुए 400 लोगों की फोन टेपिंग कराने वाले रघुवर दास के खिलाफ कार्रवाई की जाये जबकि शुक्रवार को उन्होंने राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिख दिया है. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में झारखंड में 400 से अधिक लोगों के फोन की अवैध रुप से जांच संबंधित आरोप चिंताजनक है.

डॉ अजय कुमार का ट्विट.

इन आरोपों के अनुसार, राज्य में राजनीतिक प्रतिद्वंदियों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं इत्यादि का फोन की गैर कानूनी तौर पर टेपिंग करायी गयी. मुख्यमंत्री के करीबी कतिपय आइएएस, आइपीएस द्वारा शक्तियों का गलत तरीके से प्रयोग करते हुए अवैध कमाई, भ्रष्टाचार, राजनीतिक प्रतिशोध और आपराधिक कृत्यों को संरक्षण प्रदान करने के लिए फोन टेपिंग करना जघन्य अपराध है. डॉ अजय कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि बकोरिया कांड से जुड़े मामलें की लीपापोती को लेकर मीडिया को डराने, धमकाने, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर फरजी मुकदमा दायर करने की धमकी दी गयी थी.

डॉ अजय कुमार की फाइल फोटो.

खूंटी के मामले को लेकर कई लोगों पर भी एफआइआर दायर किया गया था. ऐसे कई उदाहरण है, जिसमें विद्वेष के तहत कार्रवाई की गयी है. अब फोन टेपिंग करने का आरोप सामने आने के बाद उक्त सभी मामलों से संबंधित आरोप ज्यादा गंभीर मामला है. डॉ अजय कुमार ने यह मांग की है कि किसी सक्षम और ईमानदार आइपीएस के नेतृत्व में एसआइटी बनाकर इन सारे मामलों की समयबद्ध जांच करायी जाये. साथ ही यह सूचना सार्वजनिक की जाये कि किन-किन लोगों के फओन किस-किस अवधि में टेप कराये गये. इस अवैध कार्य में किन-किन सरकारी और गैर सरकारी लोगों की संलिप्तता थी, इसमें किस प्रकार के संयंत्रों और किन भवनों का उपयोग हुआ है. इन लोगों ने इस पूरे प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज करके एसआइटी जांच और समुचित कार्रवाई करते हुए तत्काल आदेश जारी किया जाये.

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