Home राजनीति

jharkhand-police-protest-झारखंड के सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को मिला भाजपा का साथ, रांची के मोहराबादी मैदान में पुलिसवालों से मिलने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, बोला हेमंत सरकार पर तीखा हमला, रघुवर ने कहा-हेमंत और उनकी पार्टी आंदोलनकारियों की पार्टी तो आंदोलन से मुंह छिपाकर क्यों भाग रही है

सहायक पुलिसकर्मियों से मुलाकात करते पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास. साल में है खादी बोर्ड के सदस्य कुलवंत सिंह बंटी.

रांची : झारखंड के सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को भाजपा का साथ मिला है. भाजपा के कद्दावर नेता और जमशेदपुर पूर्वी के पूर्व विधायक सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे और आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे. उन्होंने सभी की बातों को सुना. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के आदिवासी-मूलवासी युवक-युवतियों को नक्सलियों के चंगुल से बचाने के लिए हमारी सरकार ने अनुबंध पर सहायक पुलिस की नियुक्ति शुरू की थी. तीन साल के अनुबंध के बाद नियमित बहाली करने का लक्ष्य था. इसके लिए समुचित प्रावधान भी किये गये. आदिवासी-मूलवासियों की हितैषी होने का दावा करने वाली वर्तमान सरकार इन पर अत्याचार कर रही है. उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले लगातार खबरें आती थीं कि गरीबी से त्रस्त नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को डराकर या बरगलाकर नक्सली अपने दस्ते में शामिल करते हैं. इसे देखते हुए सरकार ने फैसला किया कि इन क्षेत्रों के युवाओं को अनुबंध के आधार पर सहायक पुलिस में भर्ती किया जायेगा. तीन साल के बाद इनकी नियुक्ति नियमित रूप में कर ली जायेगी. इनकी नियुक्ति से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों को लगाम लगाने में काफी मदद मिली. इन्होंने काफी ईमानदारी से काम किया. कोरोना के दौरान भी इनका कार्य सराहनीय रहा. अब हेमंत सोरेन की सरकार ने इनकी नियुक्ति पर रोक लगाकर इनके साथ अन्याय किया है. यह अमानवीय व्यवहार है. सरकार को संवदेनशील होकर इनकी जायज मांगे माननी चाहिए. रघुवर दास ने कहा कि झामुमो एक साल में पांच लाख नियुक्ति करने का वादा कर सत्ता में आयी. लेकिन अब उसे अपना वादा याद नहीं है. नयी नियुक्तियां तो दूर की बात है, हमारे समय रोजगार पाये लोग आज बेरोजगार हो रहे हैं. चाहे सहायक पुलिस हो या अन्य अनुबंधकर्मी.

इसी प्रकार स्थानीय बच्चों को नौकरी देनेवाली कंपनियां झारखंड से अपना कारोबार समेट रही हैं. सरकार की नीतियों के कारण लोग बेरोजगार हो रहे है. श्री दास ने सरकार से मांग की है कि इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करें. जब तक प्रक्रिया चलती है, तब तक इनका अनुबंध विस्तार करे. सहायक पुलिसकर्मियों को आंदोलन करते चार दिन हो गये हैं, लेकिन अब तक न तो कोई मंत्री न ही अधिकारी इनकी समस्या सुनने आया है. उलटे इन पर एफआइआर की जा रही है, इनकी परिवार वालों को धमकाया जा रहा है. लोकतंत्र में इस प्रकार का दमन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. जिस सरकार ने आंदोलनकारी का चोला पहनकर जनता के सामने भाजपा सरकार की बदनामी की और सत्ता हासिल की. वही सरकार मुंह छिपाये घुम रही है. इन सहायक पुलिसकर्मियों के दर्द को दरकिनार कर अपनी जिम्मेवारी से भाग रही है सरकार. ये तपती धुप और कोरोना महामारी के बीच अपने घर से दूर छोटे-छोटे बच्चों को लेकर आंदोलन करने को बाध्य हैं.

राज्य सरकार एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाकर इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करे, वरना भाजपा आंदोलन करने को बाध्य होगी. श्री दास ने कहा कि बिहार से लौटने के बाद सहायक पुलिसकर्मियों के साथ वे भी एक दिन का सांकेतिक आंदोलन करेंगे. इस दौरान भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार जायसवाल, जिला अध्यक्ष केके गुप्ता समेत अन्य लोग उपस्थित थे. झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 के संबंध में उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का काम है नीतियां बनाना और ब्यूरोक्रेसी का काम है, उसे लागू कराना. लेकिन इस सरकार में उल्टा हो रहा है. ब्यूरोक्रेट्स नीतियां बना रही हैं और मंत्रिमंडल उसको लागू कर रहा है. वर्तमान सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री कहते हैं कि उन्होंने कैबिनेट में आया संलेख पढ़ा ही नहीं और यह पास हो गया. इसी तरह जब हेमंत सोरेन पिछली बार मुख्यमंत्री बने थे और सीसैट को समाप्त किया था, तब भी उन्होंने विधानसभा में माना था कि अधिकारियों ने उनसे हस्ताक्षर करवा लिए थे. श्री दास ने कहा कि यह बिल मेरे समय में भी राजस्व विभाग के द्वारा आया था, लेकिन इसमें आदिवासी मूलवासियों की जमीन लूटने का डर था, इस कारण दो-दो बार इसे वापस लौटा दिया गया था. झामुमो के बड़े-बड़े नेता, बिल्डर आदि ने गरीब आदिवासियों को जमीन को लूटने का काम किया था, अब अपनी जमीन को बचाने के लिए उस अधिकारी पर कोई कार्यवाही ना हो, यह बिल लाया गया है.

[metaslider id=15963 cssclass=””]

NO COMMENTS

Leave a ReplyCancel reply

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Exit mobile version