रांची : झारखंड में सरकार पर क्या संकट गहराता नजर आ रहा है. यह कयास इसलिए भी लगाये जा रहे है क्योंकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने संयुक्त रुप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुप्त बैठक की. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री के साथ हुई मुलाकात की बातों को गुप्त रखा गया है, लेकिन झारखंड की सरकाार के खिलाफ हालात क्या है, इसकी जानकारी इन नेताओं ने दी है. सारी जानकारी से प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया है. आपको बता दें कि इससे पहले भी झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर हालात की जानकारी दी थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार पर लगे आरोपों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गयी है. क्या अंकगणित है, उसके बारे में भी समझने का प्रयास किया गया है. इसके बाद इनकी मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह से भी हुई है और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की है. बताया जाता है कि करीब 6 नेताओं से इन लोगों ने मुलाकात कर सरकार के हालात के बारे में विस्तार से जानकारी दी है और बताया है कि किस तरह का भ्रष्टाचार का आरोप है. वैसे शनिवार को रांची पहुंचे दीपक प्रकाश ने कहा कि सांसद है और दिल्ली जा सकते है. इसकी वजह क्या है, यह पूछने की जरूरत ही नहीं है. वैसे इस मुलाकात के बाद यह अटकलें तेज हो गयी है कि राज्य का राजनीतिक हालात क्या होगा और क्या कुछ कार्रवाई हो सकती है. इसको लेकर चुनाव आयोग के नोटिस के बाद के हालात के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गयी.
मंत्री मिथलेश ठाकुर पर भी गहराता जा रहा संकट, बसंत सोरेन और हेमंत सोरेन संकट में ही
राज्य के मंत्री मिथलेश ठाकुर पर भी संकट गहराता नजर आ रहा है. मिथलेश ठाकुर के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत की गयी है कि उन्होंने लोकप्रतिनिधित्व कानून 1951 का उल्लंघन किया है. उन्हें इस कानून की धारा 9 ए के तह अयोग्य घोषित कर उनकी सदस्यता को समाप्त की जाये. आयोग ने शिकायत के आलोक में झारखंड के चुनाव आयोग के पदाधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने गढ़वा डीसी से मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इस शिकयात में रांची के कतारी बगान सामलौंड निवासी सुनील कुमार महतो ने आयोग को लिखे गये पत्र में कहा था कि 2019 के झारखंड विधानसभा के चुनाव में गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित मिथलेश कुमार
ठाकुर का निर्वाचन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 9 ए के दायरे में है और उनकी सदस्यता समाप्त की जानी चाहिए. गढ़वा से विधायक मिथलेश ठाकुर के अपने फार्म 26 में दिये गये ब्योरे के अनुसार, वह मेसर्स सत्यम बिल्डर्स, चाईबासा अमला टोला के पार्टनर है. यह कंपनी सरकारी ठेका लेती है. मिथलेश ठाकुर की कंपनी में पार्टनरशिप है. सत्यम बिल्डर्स द्वारा सरकार के साथ की गयी कई संविदाएं विधानसभा निर्वाचन 2019 के दौरान अस्तित्व में थी. इस कारण यह भी ऑफिस ऑफ प्रोफिट का माला है.