रांची : झारखंड के राजनीतिक क्षेत्र के सबसे बड़े घटनाक्रम के तहत राजधानी रांची में भाजपा में झारखंड विकास मोरचा (झाविमो) का विलय हो गया. इस पूरे कार्यक्रम के दौरान देश के गृह मंत्री अमित शाह ही आकर्षण का केंद्र रहे जबकि बाबूलाल मरांडी के हजारों समर्थक भी भाजपा में शामिल हो गये. इसके साथ ही एक नये अध्याय की शुरुआत हुई और 14 साल के बाद पुराने भाजपाई और संघ के कार्यकर्ता रहे बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल हो गये. इस कार्यक्रम के दौरान देश के गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आने वाले दिनों की राजनीति की स्थिति को भी साफ कर दिया.
उन्होंने अपने संबोधन में साफ तौर पर कहा कि झारखंड अपने जनादेश का सम्मान करेगी और झारखंड की राजनीति में मजबूत विपक्ष की भूमिका वे लोग निभायेंगे. उन्होंने अपने संबोधन में पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा के बुरुगुलीकेरा में हुए 7 लोगों को मौत के घाट उतारने के मामले का जिक्र किया और कहा कि इस तरह का नरसंहार तो कभी देखा ही नहीं. बेदर्दी से परिवार के सामने ही परिवार के सदस्यों के सिर को धड़ से अलग कर दिया गया. ऐसी हृदयविदारक घटना कभी नहीं देखी. इस मामले में संसद से लेकर विधानसभा और सड़क तक में झारखंड की सरकार को घेरने की घोषणा कर दी. अमित शाह ने कहा कि वे भाजपा में बाबूलाल मरांडी की भूमिका काफी अच्छी होगी और बाबूलाल मरांडी का लाभ भाजपा लेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा फिर से झारखंड में जनता का काम करेगी. बाबूलाल मरांडी के साथ अर्जुन मुंडा और रघुवर दास की तिकड़ी यहां काम करेगी और यहां झारखंड में मजबूत विपक्ष का रोल निभायेगी. उन्होंने चुनाव में हुई भाजपा की हार पर कहा कि रघुवर दास ने केंद्र की सारी योजनाओं को लागू किया और कल्याण के कई कदम उठाये, लेकिन जनता ने उनको विपक्ष में बैठने का मत दिया.
विपक्ष की भूमिका निभायेगी और सरकार का कान पकड़कर काम करायेगी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जतन से झारखंड का गठन किया था और उसका पतन होने भाजपा नहीं देगी और अंतिम सांस तक वे लोग जनता की आकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे. झाविमो के विलय के बाद भाजपा के नेता बने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 2006 में अपना घर छोड़कर चले गये थे. 14 साल घर छोड़ने के बाद झारखंड में ही रहे. 14 साल में करीब 6 से 7 लाख किलोमीटर तक की यात्रा पूरे झारखंड में किया, जिससे हजारों कार्यकर्ता बने.
उन्होंने कहा कि यह कहना कि आज भाजपा हार गयी है तो उनको बुला रही है, यह कहना गलत होगा. उन्होंने कहा कि यह प्रयास 2006 से जब झाविमो बनाया था, तब से ही भाजपा कर रही थी, लेकिन जिद थी कि अपनी पार्टी को ही खड़ा करना है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने दूत भी भेज दिया था, लेकिन हमने मना कर दिया था. इस कारण यह पहली बार प्रयास नहीं हुआ था, अब यह प्रयास मूर्तरुप ले रहा है. उन्होंने कहा कि वे भाजपा में आये है. भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने काफी कुछ दिया है. सामाजिक क्षेत्र में काफी ज्यादा काम किया है. इस कारण कोई लालच नहीं है, परिश्रम किया है, परिश्रम फइर से करेंगे. भाजपा और संघ ने ही यहां तक मुझे इस लायक बनाया है और आगे अगर भाजपा के दफ्तर में झाड़ू लगाने का काम भी पार्टी देगी तो वह करने को तैयार है.