राजनीतिjharkhand-vikash-morcha-भाजपा में विलय का एक और रास्ता साफ, विधायक प्रदीप यादव झारखंड...
spot_img

jharkhand-vikash-morcha-भाजपा में विलय का एक और रास्ता साफ, विधायक प्रदीप यादव झारखंड विकास मोरचा से निष्कासित, कांग्रेस में जायेंगे, दिल्ली चुनाव के बाद भाजपा में हो जायेगा झाविमो का विलय

राशिफल

झारखंड विकास मोरचा के प्रधान महासचिव अभय सिंह.

रांची : भाजपा में झारखंड विकास मोरचा के विलय का एक और कांटा को मोरचा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने दूर कर दिया है. गुरुवार को विधायक प्रदीप यादव को झारखंड विकास मोरचा से बाहर कर दिया गया. बाबूलाल मरांडी के निर्देश पर पार्टी के प्रधान महासचिव अभय सिंह ने रांची में संवाददाता सम्मेलन कर उनके निष्कासन की अधिकारिक घोषणा की. दरअसल, प्रदीप यादव ने झाविमो से पूर्व में ही निष्कासित बंधु तिर्की के साथ पिछले दिनों कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह के साथ मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद मंगलवार को विधायक प्रदीप यादव को 48 घंटे का नोटिस दिया गया था. इस नोटिस में जवाब देने को कहा गया था कि वे बताये कि आखिर किस हालात में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से वे मिले थे. 48 घंटे में जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गयी थी. 48 घंटे गुरुवार को बीत गये, जिसके बाद प्रदीप यादव को भी पार्टी से बरखास्त कर दिया गया. अब बंधु तिर्की और प्रदीप यादव दोनों झाविमो से बरखास्त हो चुके है. अब रास्ता साफ हो गया है कि भाजपा में झाविमो का विलय कर दिया जाये. यह उम्मीद जतायी जा रही है कि दिल्ली के चुनाव परिणाम के बाद ही झाविमो का विलय भाजपा में कर दिया जायेगा और बाबूलाल मरांडी को भाजपा में बड़ी जगह दी जायेगी. दूसरी ओर, बंधु तिर्की और प्रदीप यादव भी कांग्रेस में शामिल हो जायेंगे.

झाविमो के बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने खेला फ्रेंडली मैच
सूत्रों के मुताबिक, झाविमो के बाबूलाल मरांडी के साथ प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने फ्रेंडली मैच खेला, यह बातें सामने आयी है. बाबूलाल मरांडी के भाजपा में झाविमो के विलय होने का विरोध प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कर रहे थे. इसके बाद बंधु तिर्की को बाहर का रास्ता पार्टी ने दिखा दिया ताकि दल बदल कानून के तहत विधायकी बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की बच जाये. अगर प्रदीप यादव को नहीं हटाया जाता और विलय का विरोध होता तो बाबूलाल मरांडी का भाजपा में झाविमो का विलय होने पर दल बदल कानून के तहत कार्रवाई हो जाती. ऐसे में तीनों की विधायकी भी बच जायेगी, भाजपा में झाविमो का विलय भी हो जायेगा.

[metaslider id=15963 cssclass=””]

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading