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rajyasabha-vice-chairman-राज्यसभा के उपसभापति के लिए फिर से झारखंडी पत्रकारिता के पितामह हरिवंश ने भरा पर्चा, एनडीए के फिर बने प्रत्याशी, भाजपा ने जारी किया व्हिप

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रांची : देश के राज्यसभा उपसभापति पद के लिए एनडीए ने वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश को फिर अपना प्रत्याशी बनाया है. जेडीयू सांसद के रूप में वे उपसभापति का पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. इस बार फिर उन्होंने नामांकन कर दिया है. 14 सितंबर को चुनाव होना है. 14 सितंबर से संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है. सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा के लिए उपसभापति का चुनाव होना है. ऐसे में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह ने एनडीए की ओर से उप सभापति के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भर दिया है. बता दें कि राज्यसभा में एनडीए के पास अभी भी बहुमत का आंकड़ा है, इसलिए पत्रकार हरिवंश के चुनाव जीतने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं. इस चुनाव से पहले भाजपा ने अपने राज्यसभा के सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है और 14 सितंबर को सदन में उपस्थित रहने को कहा गया है. पत्रकार हरिवंश की सदस्यता का पहला कार्यकाल नौ अप्रैल को खत्म हो चुका था, वो दोबारा निर्विरोध राज्यसभा सदस्य के लिए चुनकर आए हैं. राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव 14 सितंबर को दोपहर 3 बजे होना है. इसके लिए पत्रकार हरिवंश ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया. वैसे उनके खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने की तैयारी की गयी है. बताया जाता है कि कांग्रेस द्वारा डीएमके को उम्मीदवारी दे सकती है और वहां के सांसद तिरुचि शिवा को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. अगर डीएमके अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी तो कांग्रेस की ओर से अपना उम्मीदवार खड़ा किया जायेगा.

आपको बता दें कि हरिवंश पत्रकारिता जगत में झारखंडी पत्रकारिता के पितामह माने जाते है. उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में 30 जून 1956 को जन्मे हरिवंश बनारस हिंदू यूनिवर्सिसीट से एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा पूरी की. इस दौरान वे मुंबई में टाइम्स ऑफ इंडिया में ट्रेनी पत्रकार के तौर पर 1977 से 1978 तक काम किया. वह टाइम्स ग्रुप की साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग में उपसंपादक के तौर पर 1981 में काम किया और फिर 1981 से 1984 तक हैदराबाद और पटना में बैंक में नौकरकी की. 1984 में वे फिर से पत्रकारिता में वापस आ गये. 1989 में वे आनंद बाजार पत्रिका से जुड़े रहे और रविवार साप्ताहिक पत्रिकार में बतौर सहायक संपादक रहे. 1990 से 1991 तक वे तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार के तौर पर काम किये. करीब 25 साल तक वे प्रभात खबर के प्रधान संपादक रहे. फिर वे नीतिश कुमार के नजदीक आये और वे राज्यसभा के लिए जनता दल यूनाइटेड से चुन लिये गये. राज्यसभा चुनाव में वे 125 मत से विजेता हुए जबकि कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को सिर्फ 105 मत ही मिल पाये थे.

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