शार्प भारत डेस्क : भाई दूज का त्योहार हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है. इस साल तिथियों को लेकर लोग काफी उलझन में पड़े है. वहीं इस वर्ष भाई दूज 26 अक्टूबर यानी बुधवार को मनाया जायेगा. वहीं भाई दूज का पर्व दोपहर के समय ही मनाया जाता है. कहा जाता है कि इसी दिन यमराज, यमदूत और चित्रगुप्त की पूजा भी होती है. इसे हम अर्घ्य और दीपदान भी कहते है. (नीचे भी पढ़ें)
दोपहर में ही क्यों होती है भाई दूज की पूजा-
कहा गया कि भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन के घर दोपहर के समय आए थे और बहन की पूजा स्वीकार करके उनके घर भोजन किया था. वरदान में यमराज ने यमुना से कहा था कि यम भाई दूज के दिन जो भाई अपनी बहनों के घर आकर बहनों की हाथ से बना हुआ खाना खायेंगा उन्हें अकाल मृत्यु का भय कभी नहीं होगा. इसलिए इस दिन भाई दूज दोपहर के समय मनाने का महत्व होता है. (नीचे पढ़ें पूरी खबर)
भाई दूज का मुहूर्त और तिलक करने का समय
इस वर्ष भाई दूज बुधवार के दिन में 02 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा जो 27 अक्टूबर यानी गुरुवार को 12 बजकर 45 मिनट तक खत्म होगा. वहीं तिलक करने का शुभ समय दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से 12 बजकर 47 तक रहेगा. (नीचे भी पढ़ें)
वहीं दूसरी ओर भाई दूज के साथ-साथ चित्रगुप्त की भी पूजा की जाएगी. कहा जाता है मृत्यु के देवता यमराज के सहयोगी और मनुष्य के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त की भी पूजा शामिल है. यही कारण है कि इस दिन व्यापारी अपने बही-खातों की पूजा कर नये बही-खाते की शुरुआत करते है. वहीं इसे कायस्थ समाज द्वारा मनाया जाता है.
चित्रगुप्त पूजा का मुहूर्त-
कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि प्रारंभ- 26 अक्टूबर दोपहर 2 बजकर 42 मिनट से.
कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि समाप्त – गुरुवार की दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक.
पूजा का मुहूर्त- बुधवार को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट से 03 बजकर 33 मिनट तक.