कोल्हान / जमशेदपुर : लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार से नहाय खाय के साथ शुरू हो रहा है. वही शनिवार को खरना और रविवार को पहला अर्घ्य भगवान भास्कर को दिया जायेगा. 36 घंटे का यह कठिन उपवास महिलाएं बच्चों के स्वास्थ्य, दीर्घायु व सफलता के लिए रखती है. छठ पर्व विशेष तौर पर बिहार और उत्तर प्रदेश का पर्व है, परंतु इसे अब देश भर में मनाया जाता है. इस पर्व को पार्वती का छठा रूप, भगवान सूर्य की बहन छठी मैया को देवी के रुप में पूजा जाता है. यह चंद्र के छठे दिन काली पूजा के छह दिन बाद मनाया जाता है. इसलिए प्रकृति का छठे अंश होने के कारण इसे देवी का नाम षष्ठी दिया गया है. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार षष्ठी देवी बालकों की रक्षा और आयु प्रदान करती है. स्कन्द पुराण में इन्हें ही देवी कात्यायनी कहा गया है. पष्ठी तिथि शिशुओं के संरक्षण और संवर्धन की देवी है. इसकी विशेष पूजा षष्ठी तिथि को की जाती है. नहाय खाये से शुरू यह छठ पर्व 17 नवंबर से शुरू हो रहा है. वहीं इसका समापन 20 नवंबर को होगा. (नीचे पढ़ें अस्ताचलगामी और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त)
कोल्हान में अस्ताचलगामी और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त – झारखंड के कोल्हान समेत जमशेदपुर में रांची केंद्र के मौसम वैज्ञानिक ने सूर्यास्त और सूर्योदय का समय जारी किया है. उनके मुताबिक जमशेदपुर में सूर्यास्त का समय 5 बजे, सरायकेला-खरसावां में 5 बजकर 01 मिनट पर और पश्चिम सिंहभूम में 5 बजकर 04 मिनट पर होगा. वहीं सूर्योदय का समय जमशेदपुर में 5 बजकर 59 मिनट, सरायकेला – खरसावां में 6 बजकर 02 मिनट पर और पश्चिम सिंहभूम में 6 बजकर 03 मिनट पर होगा. (नीचे भी पढ़ें)
नहाय खाय शुक्रवार को – महापर्व छठ नहाय खाय के साथ शुक्रवार से आरंभ होगा. चार दिवसीय छठ के पहले दिन नहाय खाय है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं और पुरुष केवल एक समय ही भोजन करते है. पहले स्नान और सूर्य की अराधना कर भगवान भास्कर को भोग लगाया जाता है. फिर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है. इस दिन चने की दाल और लौकी की घी में सब्जी बनती है. इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर है. वहीं सूर्यास्त शाम 5 बजकर 27 मिनट पर होगा.
खरना शनिवार को – महापर्व छठ के दूसरे दिन यानी शनिवार को खरना है. उस दिन व्रती महिलाएं और पुरुष पूरे दिन बिना पानी के रहते है और शाम में मिट्टी के नए चूल्हे पर गुड़ की खीर प्रसाद के रूप में बनाते है. भगवान भास्कर को केला के पत्ते पर भोग लगाकर 36 घंटे का व्रत आरंभ करते है. इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर होगी. वहीं सूर्यास्त शाम 5 बजकर 26 मिनट पर होगा. (नीचे भी पढ़ें)
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य – महापर्व छठ के तीसरे दिन यानी रविवार को छठ का पहला अर्घ्य व्रतियों द्वारा दिया जायेगा. इस दिन र्निजला उपवास रखकर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाता है. रविवार को जमशेदपुर में सूर्यास्त का समय 5 बजे, पश्चिम सिंहभूम में 5 बजकर 04 मिनट पर और सरायकेला खरसावां में 5 बजकर 01 मिनट पर होगा.
उदीयमान सूर्य को अर्घ्य – महापर्व छठ के चौथे दिन यानी सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. इस दिन जमशेदपुर में सूर्योदय का समय 5 बजकर 58 मिनट, पश्चिमी सिंहभूम में 6 बजकर 03 मिनट और सरायकेला खरसावां में 6 बजकर 02 मिनट पर होगा. उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे का छठ व्रत समाप्त हो जायेगा.