शार्पभारत डेस्क : चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो बार गुप्त नवरात्रि भी आते हैं. गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ़ मास में आते हैं. गुप्त नवरात्रि गोपनीय साधनाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसमें शक्तियों को प्राप्त किया जा सकता है. बाधाओं का नाश करने का वरदान भी मांगा जा सकता है.
माघ गुप्त नवरात्रि में घटस्थापना का मुहूर्त : गुप्त नवरात्रि की घटस्थापना प्रतिपदा तिथि को की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 जनवरी, रविवार को रात 02 बजकर 22 मिनट से लेकर 22 जनवरी को रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. ऐसे में घटस्थापना 22 जनवरी की सुबह ही की जाएगी. इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 59 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. (नीचे भी पढ़ें)
सामान्य और गुप्त नवरात्रि में अंतर : सामान्य नवरात्रि में आमतौर पर सात्विक और तांत्रिक पूजा दोनों की जाती है, जबकि गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तांत्रिक पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में आमतौर पर प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता है. इसमें साधना को गोपनीय रखा जाता है. गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होगी, सफलता उतनी ही ज्यादा मिलेगी.
गुप्त नवरात्रि में मां की पूजा विधि : गुप्त नवरात्रि में सामान्य नवरात्रि की तरह नौ दिनों के लिए कलश की स्थापना की जा सकती है. कलश की स्थापना करने वालों को दोनों वेला मंत्र जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए. दोनों ही समय आरती भी करना अच्छा होगा। मां को दोनों वेला भोग भी लगाएं. इसमें लौंग और बताशा सबसे सरल और उत्तम भोग माने जाते हैं. मां के लिए लाल फूल सर्वोत्तम होता है. देवी को को आक, मदार, दूब और तुलसी बिलकुल न चढ़ाएं. पूरे नौ दिन अपना खान पान और आहार सात्विक रखें. (नीचे भी पढ़ें)
शीघ्र रोजगार के लिए उपाय : गुप्त नवरात्रि में देवी के समक्ष घी का दीपक जलाएं. नौ बताशे लें और हर बताशे पर दो लौंग रखें। अब सारे बताशे एक-एक करके देवी को अर्पित करें. यह प्रयोग नवरात्रि में किसी भी रात कर सकते हैं.
शीघ्र विवाह के लिए उपाय : देवी के समक्ष रोज एक घी का दीपक जलाएं. इसके बाद उनको रोज लाल फूलों की माला अर्पित करें. शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें. यह प्रयोग नवरात्रि की हर रात्रि को करें.
धन प्राप्ति के लिए उपाय : पूरी गुप्त नवरात्रि में मध्य रात्रि को मां लक्ष्मी की उपासना करें. उनके सामने घी का दीपक जलाकर श्री सूक्तम का पाठ करें. पूरी नवरात्रि में सात्विक रहने का प्रयास करें. गुप्त नवरात्रि में प्रकट नवरात्रि की तरह गेहूं के जवारे नहीं बोए जाते हैं और न ही घट स्थापना होती है। नवरात्रि के पूरे नौ दिन शुद्ध आचरणआवश्यक होता है. (नीचे भी पढ़ें)
गुप्त नवरात्रि के नौ दिन
22 जनवरी – प्रतिपदा, गुप्त नवरात्रि प्रारंभ.
23 जनवरी – द्वितीया, चंद्र दर्शन, पंचक प्रारंभ दोपहर 1.50 से.
24 जनवरी – तृतीया, वरदतिलकुंद चतुर्थी.
25 जनवरी – चतुर्थी, विनायक चतुर्थी.
26 जनवरी – पंचमी, वसंत पंचमी, सरस्वती पूजन, खटवांग जयंती, सवार्थसिद्धि सायं 6.59 से.
27 जनवरी – षष्ठी, पंचम समाप्त सायं 6.38 पर, अमृतसिद्धि प्रात: 7.12 से सायं 6.38 तक.
28 जनवरी – सप्तमी, श्री नर्मदा जयंती, रथ आरोग्य सप्तमी.
29 जनवरी – अष्टमी, श्रीदुर्गा अष्टमी
30 जनवरी – नवमी, गुप्त नवरात्रि पूर्ण. (नीचे भी पढ़ें)
गुप्त नवरात्रि में ग्रह गोचर – 22 जनवरी : शुक्र कुंभ राशि में दोपहर 3.52 पर
30 जनवरी : शनि अस्त कुंभ में सायं 5.56 पर.
प्रस्तुत – ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश पाठक