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Jamshedpur-Jugsalai-Durga-Bari : ईस्ट जोन में नहीं है ऐसी प्रतिमा, जमशेदपुर में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, जुगसलाई में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा की हुई प्राण प्रतिष्ठा

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जमशेदपुर : झारखंड, बंगाल, बिहार, ओड़िशा इन चार राज्य में मात्र झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले के जुगसलाई के स्टेशन रोड पानी टंकी के नजदीक मां दुर्गा की साढ़े 8 फीट की प्रतिमा है, जिसका निर्माण 15 टन के संगमरमर के पत्थर को तराश कर कराया गया है. वैदिक मंत्रोच्चार व विधि-विधान के साथ यहां मां दुर्गा की इस मनोहारी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई. 1936 से स्टेशन रोड पानी टंकी के नजदीक जुगसलाई दुर्गाबाड़ी नाम के इस पूजा स्थल में मां दुर्गा की पूजा होती आ रही है, जहां जुगसलाई दुर्गाबाड़ी ट्रस्ट के ट्रस्टी ने अब उस स्थान को मंदिर का रूप दे दिया है. यहां बंगाल से लायी गयी लगभग 15 लाख रुपए की लागत से मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित किया गया है. इस प्रतिमा की खासियत है कि इस प्रतिमा को बनाने में कारीगरों द्वारा 2 वर्ष लगे हैं. 15 टन संगमरमर के चट्टान जो कि राजस्थान से मंगाया गया था उस चट्टान को कारीगरों ने तराश कर साढ़े 8 फिट की मां दुर्गा की प्रतिमा का रूप दिया. इस वैश्विक महामारी के चलते ट्रस्ट द्वारा प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य रूप ना देकर साधारण तरीके से पूर्ण किया गया. 17 मई से शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 19 मई को संपन्न हुआ. इस दौरान केवल पुरोहितों द्वारा ही पूजा संपन्न करायी गयी. ताकि जिला प्रशासन के द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन न हो. मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ भगवान विष्णु, मां काली, राधा-कृष्ण और देवों के देव महादेव यानी भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई. ट्रस्ट के अध्यक्ष शंभु नाथ बोस के अनुसार शांतिपूर्ण तरीके से मां की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा ही उनका मुख्य उद्देश्य था. इन चारों राज्यों में मात्र जमशेदपुर में ही मां की ऐसी इस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होना जमशेदपुर वासियों के लिए गर्व की बात है. अब इससे शहर के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सारे ट्रस्टी शम्भु नाथ बोस, संजय दास, प्रणब सरकार, विश्वनाथ भवाई, शंकर भवाई, आशीष बनर्जी, अंजन बनर्जी उपस्थित थे. वैश्विक महामारी को देखते हुए पुरोहितों द्वारा पूरे मंदिर को चारों तरफ से बंद कर प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान को संपन्न कराया गया.

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