
चाकुलिया : झारखंड संस्कृति से जुड़ी पहाड़ पूजा का क्षेत्र में काफी महत्व है. पहाड़ पूजा की तैयारी ग्रामीण पूजा के पूर्व से ही तैयारी करने में जूट जाते हैं. लोगों का मानना है कि पहाड़ पूजा करने से क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है और गांव में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है. पहाड़ पूजा करने के लिए ग्रामीण काफी उत्साहित रहते हैं और श्रद्धा पूर्वक पहाड़ पहुंचकर अच्छी बारिश और खुशहाली के लिए पहाड़ की पूजा करते हैं. परंतु इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण पहाड़ पूजा में लोगों की भीड़ पर अंकुश रहेगा. सरकार ने पूर्व से ही कोरोना संक्रमण के कारण आंशिक लॉकडाउन कर लोगों की भीड़ पर प्रतिबंध लगा रखा है. सरकार ने अनलॉक की घोषणा करते हुए कई गाइडलाइन को पालन करने का निर्देश दिया है, सरकार के नियमों का पालन करते हुए इस वर्ष पहाड़ पूजा कमेटी द्वारा पहाड़ की पूजा सादगी पूर्ण तरीके से मनाने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि चाकुलिया में पहाड़ पूजा प्रखंड की बरडीकानपुर – कालापाथर पंचायत के जामिरा पहाड़ पूजा से पहाड़ पूजा की सिलसिला शुरू होती है. जामिरा पहाड़ पूजा 27 जून को होगी.
27 जून को होगी जामिरा पहाड़ पूजा
चाकुलिया प्रखंड के जामिरा गांव से सटे जामिरा पहाड़ पूजा 27 जून को होगी. यह पहाड़ प्रखंड मुख्यालय से उत्तर दिशा में लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर है. इस पहाड़ तक जाने के लिए चाकुलिया से विभिन्न वाहनों पर सवार होकर लोग बरडीकानपुर और जयनगर गांव पहुंचते है और देढ़ किलोमीटर पैदल चलकर लोग पूजा स्थल पहुंचकर लोग श्रद्धापूर्वक पूजा करते है.

3 जुलाई को कन्हाईश्वर पहाड़ पूजा
क्षेत्र के लोगों की आस्था के प्रतीक कन्हाईश्वर पहाड़ पूजा 3 जुलाई को है. कन्हाईश्वर पहाड़ पूजा करने के लिए झारखंड, बंगाल और ओड़िसा तीनों राज्य के ग्रामीण विभिन्न वाहनों से पहुंचकर श्रद्धापूर्वक पूजा करते है. यह पूजा आषाढ़ महीना के तीसरे शनिवार को होती है. यह पहाड़ आधा झारखंड और आधा बंगाल में पड़ता है. चाकुलिया से विभिन्न वाहनों पर सवार होकर जयनगर पहुंचकर पैदल चलकर पहाड़ पहुंचा जाता है. इस पहाड़ के चोटी पर एक झरना है जो सालो भर नही सुखता है. इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण पहाड़ की पूजा 12 मौजा के ग्राम प्रधान ही सादगी पूर्ण तरीके से पूजा करेंगे. कन्हाईश्वर पहाड़ पूजा के पश्चात प्रखंड के माटियाबांधी पंचायत के गोटाशिला पहाड़ की पूजा होती है. इस पहाड़ की पूजा करने के लिए भी तीनों राज्य के ग्रामीण पहुंचते है. पहाड़ की तलहटी पर शिव मंदिर है जहां लोग पूजा करते हैं. मंदिर के पीछे दो झरना है जो सालों भर बहता है. यह पहाड़ प्रकृतिक सौंदर्य से लोगों को काफी आकर्षित करता है. अंत में खोड़ी पहाड़ी की पूजा से चाकुलिया में पहाड़ पूजा की सिलसिला समाप्त होती है.