जमशेदपुर : गौतम बुद्धा सोशल वेलफेयर मिशन बारीडीह जमशेदपुर के द्वारा 26 व 27 दिसंबर को बुद्ध साहित्य कला पर आधारित गोष्ठी और बुद्धिस्ट श्रवण परम्परा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। “द विस्डम” कार्यक्रम के तहत 12 बच्चे बौद्ध श्रवण प्रवज्या बने। कोलकाता से आये बड़े बौद्ध धर्म गुरु व विपासना के सहायक आचार्य भिक्षु बुद्धारक्षित महाथेरा ने सभी उपासकों को आनापान साधना की विधि सिखाई व साधना का अभ्यास कराया। कार्यक्रम में 15 धर्म भिक्षु / भन्ते भी शामिल हुए। उपस्थित उपासकों ने भन्ते के धर्म प्रवचन सुने। गोष्ठी में विभिन्न विषयों पर प्रज्ञा हुमने, सुनील विमल, श्रीमन क्लासेज के संस्थापक श्रीमन नारायण, कोलकाता से आये रंजन बरुआ आदि ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के अंत मे तथागत सिद्धार्थ गौतम बुद्ध पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म दिखाई गई। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में शिक्षा के महत्व और प्रकृति के महत्व को भन्ते ने प्रकाश डाला। बड़े भन्ते ने समझाया कि बौद्ध भिक्षु किस तरह विपरीत परिस्थितियों में विहार करें। रविवार 27 दिसम्बर बौद्ध भिक्षु संघ ने वृक्षारोपण किया।
गौतम बुद्धा सोशल वेलफेयर मिशन के कार्यकारी निदेशक प्रदीप बरुआ ने बताया कि “द विस्डम” कार्यक्रम में बौद्ध संघ के अलावा श्रवण बच्चे और उनके माता-पिता को शामिल किया गया। सभी लोगों को बुद्ध के मार्ग तथा उनके आदर्शों-विचारों को समझाया गया। ताकि लोग अपने जीवन को खुशहाल और बेहतर बना सकें और मानव कल्याण का कार्य कर सकें। संस्था सामाजिक उत्तरदायित्व निभाते हुए समाज के पिछड़े वर्ग तथा अल्पसंख्यको को जागरूक और उनके कल्याण के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम भी करती रहती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में साधन बरुआ, सुनील विमल, श्रीमान और श्रीमती हुमने, दीपक रंजन बरुआ, राजा बरुआ, निहाल बरुआ रायगढ़, सुब्रत बरुआ, माधुरी बरुआ, परसुडीह, पूर्वी बरुआ व अन्य की सराहनीय भूमिका रही। धन्यवाद ज्ञापन समर कांति बरुआ ने किया।